Categories: Trending

सड़क खुदाई के दौरान,मुगलकालीन दुर्लभ खज़ाना पाया गया ,जानिए क्या क्या है इसमें ?

फरीदाबाद : हाल ही में मध्य प्रदेश में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। बुरहानपुर राज्य के ऐतिहासिक शहर बुरहानपुर के अंतर्गत आने वाले ग्राम चौखंडिया में मनरेगा के सड़क निर्माण कार्य की खुदाई में मजदूरों को मुगल चाँदी के सिक्कों से भरा एक घड़ा मिला। सूचना पर पहुंचे नेपानगर एसडीएम और पुलिस ने सिल्वर पॉट को जब्त कर सील कर दिया। अब इन सिक्कों को पुरातत्व विभाग को सौंप दिया जाएगा। घड़े में कुल 260 सिक्के हैं। इन सिक्कों पर मुगल सम्राटों और सुल्तानों के नाम लिखे हैं।

सड़क खुदाई के दौरान,मुगलकालीन दुर्लभ खज़ाना पाया गया ,जानिए क्या क्या है इसमें ?

कलेक्टर के अनुसार , शुक्रवार शाम खुदाई के दौरान सिक्के निकलने की सूचना मिली थी। एसडीएम की निगरानी में खकनार पुलिस थाना प्रभारी के पी धुर्वे व देड़तलाई चौकी प्रभारी हंसकु मार झिंझोरे ने घड़े को बरामद कर सिक्के निकलवाए और उनकी गिनती कराई। एक अधिकारी के मुताबिक, 260 सिक्के बरामद किये गए हैं। एसडीएम के आदेश पर पुरातत्व विभाग को सिक्के सौंप दिए जाएंगे। सिक्कों पर उर्दू और अरबी भाषा लिखी है, इतिहासकार व प्राचीन सिक्कों के जानकार मेजर एमके गुप्ता और डॉक्टर नौशाद के अनुसार खुदाई में मिले सिक्कों पर उर्दू व अरबी भाषा है। सिक्के अकबर, जहांगीर व शाहजहां के शासनकाल के हैं। इनमें कुछ सिक्के सल्‍तनतकाल में शेरशाह सूरी के भी हैं। अकबर और जहांगीर के समय के कुछ सिक्के दुर्लभ व कीमती हैं।

इतिहासकारों का कहना है कि शाहजहां के समय बुरहानपुर में लोगों की आबादी 9 लाख थी, इसलिए बुरहानपुर में सभावित लोग निवास करते रहे होंगे। जमीन के बाहर निकले घड़े में लगभग 40- 45 सालों में यह सिक्‍के जमा किए गए। इन सिक्‍कों की अंतरराष्‍ट्रीय बाजार में कीमत इतिहासकारों के मुताबिक करोड़ो में होगी। बुरहानपुर ऐतिहासिक शहर होने के कारण यहां पर पूर्व में भी खुदाई के दौरान सिक्‍के बाहर निकले हैं।

मुगलकाल में मध्‍य भारत के इतिहास में बुरहानपुर उत्‍तर और दक्षिण का पुल था। अकबर ने 1599 में बुरहानपुर पर राज किया था। उसने 1601 ई. में खानदेश को मुगल साम्राज्य में शामिल कर लिया। शाहजहां की बेगम मुमताज की बुरहानपुर में ही 1631 ई. मौत हुई थी। मराठों ने बुरहानपुर को कई बार लूटा और बाद में इस प्रांत से चौथ वसूल करने का अधिकार भी मुगल साम्राट से हासिल कर लिया। बुरहानपुर कई वर्षों तक मुग़लों और मराठों की झड़पों का गवाह रहा और इसे बाद में आर्थर वेलेजली ने 1803 ई. में जीत लिया। अंग्रेजों 1805 ई. में इसे सिंधिया को वापस कर दिया और 1861 ई. में यह ब्रिटिश सत्ता को हस्तांतरित हो गया।

Written By : Om Sethi

Avinash Kumar Singh

Recent Posts

Faridabad की जनता को जल्द मिल सकता है सीवर ओवरफ्लो की समस्या से निजात, यहां जानें कैसे

शहर की जनता को बहुत जल्द सीवर ओवरफ्लो की समस्या से निजात मिलने वाला है।…

21 hours ago

Faridabad में रोडवेज़ के यात्रियों को दी जाएगी यह ख़ास सुविधा, यहाँ पढ़ें पूरी ख़बर 

शहर के जो लोग सफ़र करने के लिए रोडवेज बसों का इस्तेमाल करते है यह…

21 hours ago

Haryana में छठी से 8वीं कक्षा तक की परीक्षाओं की तारीखों में हुआ बदलाव, जल्दी से यहाँ देखें नया शेड्यूल 

प्रदेश के जो बच्चे  छठी से 8वीं तक की कक्षा में पढ़ते है यह खबर…

22 hours ago

इस वजह के चलते Haryana में इन लोगों के कटेंगे BPL राशन कार्ड, जल्दी से यहाँ पढ़े पूरी ख़बर 

प्रदेश के जो लोग BPL राशन कार्ड धारक है यह खबर उनके लिए बड़ी ही…

23 hours ago

Haryana के इन शहरों में ज़ल्द दौड़ेगी नमो भारत ट्रेन, इन जगहों पर बनेंगे स्टेशन

प्रदेश के जो लोग नमो भारत ट्रेन से सफ़र करना चाहते है, यह खबर उनके…

23 hours ago

Faridabad के इस अस्पताल में महिलाओं को मिलेगी स्तन कैंसर जांच कराने की सुविधा, यहाँ पढ़ें पूरी ख़बर 

शहर की हजारों महिलाओं के लिए यह खबर बड़ी ही राहत भरी है, क्योंकि अबसे…

3 days ago