महामारी के दौर में स्वास्थ्य विभाग के द्वारा जगह-जगह छापेमारी की गई और कालाबाजारी के तौर पर लाखों की दवाइयां भी बरामद की गई। लेकिन स्वास्थ्य विभाग के द्वारा महामारी के दौर में ही नहीं विभिन्न दिनों में भी ऐसी छापेमारी की जाती है। उनको सूचना दी जाती है सुबह सूचना गुप्त रखी जाती है और सूचना के आधार पर छापेमारी करते हैं।
अगर कोई मेडिकल स्टोर के अलावा कहीं और अपनी दवाइयां रखता है, तो उसके लिए उसको लाइसेंस लेना होता है। लेकिन कई बार मेडिकल स्टोर वाले छुपा कर अपनी दवाइयों का गोदाम पर बनाते हैं। जो कि गैरकानूनी होते हैं और इसकी सूचना आम नागरिक स्वास्थ्य विभाग को दे देता है और स्वास्थ्य विभाग को सूचना को छापेमारी करता है। ऐसा ही एक मामला फरीदाबाद में देखने को मिला।
खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग ने आज सेक्टर दस में चलाए जा रहे दवाओं के अवैध गोदाम का भंडाफोड कर वहां से लाखों रुपए की दवाएं बरामद की है। यह गोदाम सेक्टर 10 में बनी झुग्गी के पास में बनाया गया था।
विभाग के अधिकारियों ने इस अवैध गोदाम से बरामद 45 तरह की दवाओं को सील कर कोर्ट से उनकी कस्टगी ले ली है वहीं छह दवाओं के सैम्पल लेकर उनकी गुणवत्ता जांच के लिए सरकारी लैब भेज दिया है।
क्षेत्र के वरिष्ठ औषधि नियंत्रक अधिकारी करण सिंंह गोदारा ने बताया कि उनको गुप्त सूचना मिली कि सैक्टर दस में एक जगह पर भारी मात्रा में दवाओं का संग्रह करके रखा गया है। जानकारी के आधार पर उन्होने इस क्षेत्र के ओषधि निरीक्षक संदीप गहलान को साथ लेकर छापा मारा तो सेक्टर दस स्थित पार्क अस्पताल के पास ही एक जगह पर भारी मात्रा में दवाओ का जमावडा मिला।
आसपास के लोगों से पूछने पर पता लगा कि यह गोदाम पार्क अस्पताल मेंं कार्यरत मैडीकल स्टोर पार्क फार्मेसी का है। तो उन्होंने उक्त फार्मेसी से जिम्मेवार व्यक्ति को बुलाया तो उन्होंने इस गोदाम का ताला खोला। तो उन्होंने पाया कि बिना लाईसेंस लिए इस गोदाम में लाखों रुपए की दवाएं अवैध रुप से रखी गई थीं।
करण गोदारा के अनुसार जांच के बाद इस गोदाम में कुल 45 तरह की दवाएं बरामद की गईं। जिनको कोर्ट में पेश किया गया तथा वहां से इन दवाओ के कस्टगी आर्डर विभाग ने ले लिए हैं। यही नहीं यहां से बरामद दवाओं में से छह तरह की दवाओं को सैम्पल लेकर जांच के लिए भी भेजा गया है।
उन्होंने बताया कि कोई भी दवा बिक्रेता केवल उसी स्थान पर दवाओं का संग्रह कर सकता है। जिस जगह के लिए विभाग से उन्होंने लाईसेंस लिया हुआ हो, लेकिन इस स्थान के लिए विभाग से कोई लाईसेंस जारी नहीं किया गया था।
जिस कारण इस गोदाम से बरामद दवाओ को विभाग ने अपने कब्जे में लेकर ड्रग एंड कॉसमैटिक एक्त के तहत कार्रवाई की है। उन्होंने दवा विके्रेताओं का आवाहन किया है कि वह कोई भी गैर कानूनी तरीका न अपनाए, यदि अपनी दुकान से अलग कहीं पर भी वह दवाओं का संग्रह करते हैं तो वहां के लिए विभाग से लाईसेंस अवश्य लें।
यही नहीं बिना बिल के न तो दवा बेचे न खरीदें। जिन दवाओं की बिक्री सरकार ने प्रतिबंधित की हुई है। उनकी बिक्री करते हुए यदि कोई भी दवा विक्रेता पाया गया तो। उसके खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की जाएगी।
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