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महिलाएं पुरुषों के मुकाबले क्यों कम लगवा रही है टीका, जानिए क्या है मुख्य कारण

16 जनवरी यानी पूरे भारत वर्ष में वैक्सीन अभियान को पूर्ण रूप से शुरू कर दिया गया। उसके बाद से भारत में लोगों को वैक्सीन के लिए जागरूक थे, लेकिन उसके बावजूद भी कुछ जगहों पर वैक्सीन को लेकर लोगों में जो भ्रम था वह दूर नहीं कर पाए और उस समय वैक्सीन का जो अभियान था वह बहुत ही धीमी गति पर चल रहा था।

लेकिन 21 जून के बाद से उसी वैक्सीन अभियान ने रफ्तार पकड़ ली और लोगों में इतनी जागरूकता आ गई कि सरकार के पास वैक्सीन की कमी होने लगी। लेकिन उसके बावजूद भी सरकार के द्वारा वैक्सीन की पर्याप्त डोज़ स्वास्थ्य विभाग को दी जा रही है। ताकि वह ज्यादा संख्या में लोगों को वैक्सीन लगा सके।

महिलाएं पुरुषों के मुकाबले क्यों कम लगवा रही है टीका, जानिए क्या है मुख्य कारणमहिलाएं पुरुषों के मुकाबले क्यों कम लगवा रही है टीका, जानिए क्या है मुख्य कारण

अब केंद्र सरकार वैक्सीन निर्माताओं से 75% टीके खरीदता है और उन्हें राज्यों में दे रहा है। ताकि लोगों को तेज गति से टीका लगाया जा सके। अगर हम आंकड़ों की बात करें तो पिछले 8 दिनों में 4.61 करोड़ से अधिक खुराक दी गई है।

वहीं अगर हम महिला पुरुष के टीकाकरण अनुपात की बात करें तो सरकारी आंकड़ो से यह पता चलता है कि महिलाएं पुरुषों के मुकाबले काफी कम टीका लगा रही है। आंकड़ों के अनुसार 16 जनवरी से लेकर अब तक करीब 15 करोड़ महिलाओं को टीका लग चुका है। जोकि कुल टीकाकरण का  46% है।

वहीं अगर हम पुरुषों की बात करें तो करीब 18 करोड़ पुरुषों को टीका लगाया जा चुका है। अगर हम कुल टीकाकरण के  प्रतिशत की बात करें तो पुरषों का 54 प्रतिशत रहा है। यानी महिलाएं पुरुषों से करीब तीन करोड़ पीछे चल रही। इसके अलावा अब तक अन्य लिंक वर्ग के करीब 55000 लोगों ने टीका करण अभियान में भाग लिया है।

नीति आयोग के सदस्य स्वास्थ्य वीके पॉल ने कहां है कि टीकाकरण बूथ पर आने वाली महिलाओं का अनुपात टीका प्राप्त करने के लिए बढ़े। ताकि लिंग में भी सुधार हो सके। उन्होंने कहा कि टीकाकरण अभियान में महिलाएं की संख्या काफी कम देखी जा रही है।

जो महिलाएं गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को टीकाकरण अभियान से दूर रखा गया है। एक मुख्य कारण यह भी है। उसकी वजह से महिलाएं पुरुषों से करीब तीन करोड़ पीछे चल रही है। जिस समय टीकाकरण अभियान की शुरुआत की गई थी। उस समय टीके को लेकर कई अफवाएं फैलाई गई थी।

जिसमें यह भी कहा गया था कि पीरियड के दौरान महिलाओं को कोविद-19 के टीके नहीं लेनी चाहिए या यह कि टीके प्रजनन क्षमता को प्रभावित करता है। इन अफवाहों के चलते भी महिलाओं के द्वारा टीकाकरण अभियान में कम भाग लिया जा रहा है।

इस पर डॉ पॉल ने मंगलवार को स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि पुरुषों और महिलाओं दोनों पर कोविद-19 टीको का प्रजनन क्षमता पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है और ऐसा कोई सवाल ही पैदा नहीं होता है। प्रशिक्षण के दौरान इन सभी की जांच की जाती है।

Avinash Kumar Singh

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