Categories: Faridabad

पिछले 7 दिनों में फरीदाबाद की इस खूनी झील ने ली 3 लोगो की जान

फरीदाबाद के सूरजकुंड क्षेत्र में बनी कृत्रिम झील अक्सर लोगो के आकर्षण का केंद्र बनी रहती है जिसके चलते अक्सर लोग गर्मी के दिनों में इन झीलों में नहाने के लिए जाते है। लेकिन जितनी आकर्षक ये झील नजर आती है उतनी ही खतरनाक भी है और अभी तक सैकड़ों लोग इन झील में उतरकर मौत को गले लगा चुके है।

इसी से सम्बन्धित एक मामला प्रकाश में आया है जिसमे पता चला है कि एक बार फिर अरावली के पहाड़ों में बनी डेथ वैली झील में नहाने गए 2 युवकों की झील में डूबकर मौत हो गई है। डूबने वाले दोनों युवक तुगलकाबाद के रहने वाले बताए जा रहे है।

पिछले 7 दिनों में फरीदाबाद की इस खूनी झील ने ली 3 लोगो की जान

इस पूरे मामले की जांच सूरजकुंड थाना पुलिस कर रही है, इस मामले को लेकर सूरजकुंड एसएचओ अमन का कहना है कि उन्हें मंगावलर देर शाम को उन्हें सूचना मिली कि डेथ वैली झील में 2 युवक डूब गए है। सूचना मिलते ही उनके द्वारा गोताखोरों और दमकल कर्मियों को इस बारे में अवगत कराया गया और स्वयं भी मौके पर पहुंचे।

सूचना मिलते ही मौके पर पहुंचे गोताखोरों ने झील में डूबे युवकों कि तलाश जारी की जिसके बाद कड़ी मसक्कत के बाद झील में डूबे एक युवक का शव बरामद किया गया और दूसरे युवक की तलाश अभी भी जारी है। पुलिस ने बताया कि तालाब से जिस युवक का शव बरामद हुआ है उसकी पहचान तुगलकाबाद निवासी सुनील के रूप में हुई हैं।

झील में डूबे युवक का शव बरामद कर उसे पोस्टमार्टम के लिए बादशाह खान सिविल अस्पताल भेज दिया गया है जबकि झील में डूबे दूसरे युवक की तलाश अभी भी जारी है जिसका अभी तक कुछ पता नहीं चल पाया है। हालाकि जिस युवक कि तलाश जारी है उस युवक कि पहचान बंटी के रूप में हो गई है।

बताया जा रहा है दोनों युवक तपती गर्मी में दिल्ली से बाइक पर इस झील में नहाने पहुंचे थे जो इस झील में उतरने के बाद धीरे धीरे इस झील की गहराई में उतर गए। झील में डूबे दोनों युवकों का कोई भी परिजन अभी तक सामने नहीं आया है।

बीते शुक्रवार को भी इसी प्रकार कुछ ऐसा ही हादसा देखने को मिला था जब सूरजकुंड की छरोट झील में 15 वर्षीय हर्ष अपने भाइयों एवं अन्य कुछ साथियों के साथ घूमते हुए इस झील के नजदीक पहुंच गया और तप्ती गर्मी में राहत पाने के लिए सभी साथियों से साथ नहाने के लिए झील में उतरा और डूबने के कारण मृत्यु हो गई।

बता दें कि सूरजकुंड क्षेत्रों में इन झीलों की उत्पत्ति पत्थर और बजरी के भारी उत्खनन के कारण हुई है। उत्खनन के चलते पहाड़ी क्षेत्रों में गहरे गड्ढे बने हुए है जिनकी गहराई की सीमा नहीं है। इसलिए अक्सर इन झीलों की सुंदरता से आकर्षित होकर यहां आने वाले लोगों के साथ हादसे देखने को मिलते हैं।

Avinash Kumar Singh

Recent Posts

भगवान आस्था है, मां पूजा है, मां वंदनीय हैं, मां आत्मीय है: कशीना

भगवान आस्था है, मां पूजा है, मां वंदनीय हैं, मां आत्मीय है, इसका संबंध सिद्ध…

3 days ago

भाजपा के जुमले इस चुनाव में नहीं चल रहे हैं: NIT विधानसभा-86 के विधायक नीरज शर्मा

एनआईटी विधानसभा-86 के विधायक नीरज शर्मा ने बताया कि फरीदाबाद लोकसभा सीट से पूर्व मंत्री…

2 weeks ago

मैं किसी बेटी का अपमान बर्दाश्त नहीं कर सकती – रेणु भाटिया (हरियाणा महिला आयोग की Chairperson)

मैं किसी बेटी का अपमान बर्दाश्त नहीं कर सकती। इसके लिए मैं कुछ भी कर…

2 months ago

नृत्य मेरे लिए पूजा के योग्य है: कशीना

एक शिक्षक के रूप में होने और MRIS 14( मानव रचना इंटरनेशनल स्कूल सेक्टर 14)…

2 months ago

महारानी की प्राण प्रतिष्ठा दिवस पर रक्तदान कर बनें पुण्य के भागी : भारत अरोड़ा

श्री महारानी वैष्णव देवी मंदिर संस्थान द्वारा महारानी की प्राण प्रतिष्ठा दिवस के उपलक्ष्य में…

3 months ago