उपायुक्त यशपाल ने कहा कि एमआईकाडा विभाग द्वारा सूक्ष्म सिंचाई को बढ़ावा देने के उद्देश्य से किसानों के लिए तीन प्रकार की योजनाएं शुरू की गई है, किसानों को इन योजनाओं के बारे में जागरूक करने के लिए एमआई मीकाडा, कृषि व बागवानी व सिंचाई विभाग आपसी तालमेल से काम करें।
जानकारी के अभाव में कोई भी किसान योजनाओं के लाभ से वंचित नहीं रहना चाहिए, इसके लिए प्रगतिशील किसानों व सीएससी संचालकों की वर्कशॉप का आयोजन किया जाए ताकि योजना के लिए ज्यादा से ज्यादा लोग लाभांवित किया जा सके।
उपायुक्त यशपाल बुधवार को लघु सचिवालय में जिला स्तरीय क्रियान्वयन समिति की बैठक को संबोधित कर रहे थे। उपायुक्त ने बैठक में जिला सिंचाई योजना के तहत सूक्ष्म सिंचाई योजना के तहत क्रियांवित की जा रही योजनाओं की प्रगति की समीक्षा की और अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए।
उपायुक्त ने कहा कि अधिकारी योजना का लाभ लोगों तक पहुंचाने के लिए मिशन मोड में काम करें तथा प्रचार माध्यमों से किसानोंं को जागरूक करें। इसके लिए शेड्यूल बनाएं तथा ग्राम स्तर पर जागरूकता कैंप लाएं तथा योजना के अनुसार दी जा रही सब्सिडी के बारे में बताएं। उन्होंने कहा कि सिंचाई के लिए पानी की कमी को दूर करने व जल बचाव के उद्देश्य से सूक्ष्म सिंचाई योजनाएं लिए चलाई जा रही है।
अधिकारी इन योजनाओं का लाभ उठाने के लिए किसानों को अधिक से अधिक प्रेरित करें। इसके लिए प्रगतिशील किसानों व सीएससी संचालकों की वर्कशॉप आयोजित की जाए ताकि प्रत्येक पात्र किसान को योजना का लाभ मिल सके।
उन्होंने कहा कि सूक्ष्म सिंचाई योजना में तीन योजनाएं शामिल है जिनमें पहली योजना के तहत वे किसान शामिल होंगे, जो अपनी कृषि भूमि में शत प्रतिशत सूक्ष्म सिंचाई करने के लिए तैयार है तथा सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) अथवा नहर के माध्यम से सिंचाई कर रहे हैं। उन्हें विभाग द्वारा वॉटर कोर्स, खेत में तालाब और खेत में सूक्ष्म सिंचाई के लिए सब्सिडी दी जाती है।
उन्होंने कहा कि दूसरी योजना में खेत में तालाब, पाइप खाला, सोलर पंप और खेत में सूक्ष्म सिंचाई तकनीक की स्थापना के साथ-साथ नहर आधारित परियोजनाओं के लिए है। तीसरी योजना उनके लिए है, जहां सिंचाई के लिए ट्यूबवेल या किसी अन्य स्त्रोत जैसे तालाब या बावड़ी के पानी का उपयोग किया जाता है,
यहां भी किसान की आवश्यकता अनुसार उसे सोलर पंप या सूक्ष्म सिंचाई आदि के लिए सब्सिडी का प्रावधान है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि जो किसान अपने आवेदन को पोर्टल पर अपलोड नहीं कर पा रहे हैं या उनके आवेदनों में कमियां है तो संबंधित विभाग उनकी सहायता करें और उनकी सभी औपचारिकताएं पूरी करवा कर आवेदन करवाएं।
बैठक में कार्यकारी अभियंता काडा अरविंद यादव ने योजना के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दी। उन्होंने बताया कि योजना के लिए आवेदन करने के लिए किसान किसी भी सीएससी या मीकॉडा कार्यालय के माध्यम से अथवा स्वयं भी पोर्टल पर आवेदन कर सकते हैं।इस अवसर पर अतिरिक्त उपायुक्त सतबीर सिंह मान उप निदेशक कृषि डा. अनिल कुमार,कार्यकारी अभियंता सिंचाई विभाग राजीव बत्रा, मीकाडा के एसडीओ अरविंद यादव एलडीएम आरएस सिंह/, जिला बागवानी अधिकारी सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी मौजूद थे।
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