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दोस्ती ने पहुंचाया फरीदाबाद के इस लड़के को जापान और बनाया देश की आन बान और शान:एक दोस्ती ऐसी भी

फरीदाबाद : एक ऐसा रिश्ता जो आपको आसमान की ऊंचाइयों तक भी लेकर जा सकता है या फिर जिंदगी में कभी आगे नहीं बढ़ने से सकता। हम बात कर रहें दोस्ती की यदि इस दोस्ती में आपने अपने दोस्त को चुनने में छोटी सी भी लापरवाही की तो शायद आप अपनी जिंदगी की एक बहुत बड़ी गलती कर रहें है। लेकिन वहीं दूसरी तरफ अगर आपने एक सच्चे मित्र को अपना दोस्त बनाया तो आपको आसमान की ऊंचाइयों को छूने से कोई नहीं रोक सकता ।

इन्हीं बातों को साबित करने के लिए आज वर्ल्ड फ्रेंडशिप डे पर हम आपको फरीदाबाद की दोस्ती के बारे में बताने जा रहे है, जो समाज में एक पक्की और सच्ची दोस्ती की मिसाल है ।फरीदाबाद आदर्श कॉलोनी बल्लभगढ़ के निवासी रंजीत सिंह भाटी पैराओलिंपिक2020 खेलने के लिए भारत से चुने जा चुके है,लेकिन इस बड़ी कामयाबी के पीछे उनके दोस्त का बहुत बड़ा हाथ है ।

दोस्ती ने पहुंचाया फरीदाबाद के इस लड़के को जापान और बनाया देश की आन बान और शान:एक दोस्ती ऐसी भी



बता दें, 2018 में रंजीत सिंह भाटी दिल्ली एक एनजीओ पहुंचे जहां स्किल इंडिया का आयोजन हुआ था वहीं रंजीत की मुलाकात कुलदीप यादव से हुई, कुलदीप के बारे में बताते चले, आपको बताना चाहेंगे गाजियाबाद के कुलदीप 2003 में एक घटना के दौरान कुलदीप भी चोटिल हुए और उनकी चोट की वजह से वो भी जिंदगी में कई सपने पूरे नहीं कर पाए लेकिन एक खिलाड़ी होने के नाते उन्होंने खेल खेलना नहीं छोड़ा ।कुलदीप अभी जैवलिन थ्रो गेम खेलते हैं और 2018 में स्किल इंडिया में आए दिलजीत सिंह भाटी से मुलाकात कर उन्होंने भाटी को प्रेरित किया कि वह पैरा ओलंपिक खेलें।



इसी दिन से रंजीत सिंह भाटी भी जैवलिन थ्रो गेम को लेकर और भी ज्यादा इच्छुक हुए और जीवन में कुछ हासिल करने का लक्ष्य प्राप्त कर लिया । भाटी की ट्रेनिंग अब शुरू हो चुकी थी और लगातार मेहनत करने के बाद 2020 पैरालंपिक गेम में उनका चयन हो गया। महामारी के कारण 2020 पैरालंपिक खेल 2021 में होने जा रहे हैं लेकिन फिर भी महामारी को अड़चन ना बनाते हुए भाटी ने अपना हौसला कायम रखा और इसी वजह से आज वह भारत को रिप्रेजेंट करने जापान जा रहे हैं।



भाटी से उनके मित्र के बारे में जानना चाहा तो उन्होंने बताया कि कुलदीप यादव के घर उनका परिवार मुझे अपने बेटे की तरह मानता है, जब भी उनके घर जाना होता था तो उन्हें ऐसा ही लगता था कि वह अपने ही घर आए और कभी भी किसी भी समस्या को लेकर कुलदीप के साथ की गई चर्चा उस समस्या का समाधान जरूर लेकर आती थी ।

आज के दिन इस दोस्ती के बारे में आप सभी के साथ भाटी और यादव की दोस्ती को साझा करने का उद्देश्य यह है कि यदि आप अपने जीवन में एक अच्छा और सच्चा मित्र चुनते है तो कई बार यही दोस्ती आपकी सफलता का कारण भी बन जाती है।

Avinash Kumar Singh

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