कोविड के कारण भले ही इस साल कांवड़ यात्रा पर रोक लगा दी गई हो, लेकिन संयुक्त किसान मोर्चा ने इसे किसान आंदोलन से जोड़कर किसान आंदोलन को और अधिक मजबूत किया है। हरियाणा व पंजाब के युवा हरिद्वार से कांवड़ लाने के बजाय अपने गांव की मिट्टी व जल लेकर टिकरी बॉर्डर पर पहुंच रहे हैं, जहां पर वे किसान आंदोलनकारियों द्वारा बनाए गए किसान प्रतीक पर गांव की मिट्टी को चढ़कर जलाभिषेक कर रहे हैं।
बता दें कि प्रदेश के विभिन्न स्थानों से युवा टिकरी बॉर्डर पर उसी प्रकार डाक कांवड़ लेकर पहुंच रहे हैं जैसे शिवभक्त हरिद्वार से गंगाजल की कांवड़ लेकर आते हैं। फर्क सिर्फ इतना है को डीजे पर बम भोले की गूंज के बजाय किसान आंदोलन के गाने गूंजते सुनाई पड़ते हैं।
युवा कांवड़ में अपने गांव के खेतों की मिट्टी और जल लेकर बारी बारी टिकरी बॉर्डर की ओर दौड़ते हैं। दौड़ने वाले युवाओं के पीछे पीछे टेंपो चलता है, जिसके उनके अन्य साथी व उनकी जरूरत का सामान होता है। इसके अलावा कुछ कांवड़िए अपने वाहन से ही कांवड़ लाते हैं।
हरियाणा के हिसार जिले के सिसाय गांव के भी 12 युवक डाक कांवड़ लेकर टिकरी बॉर्डर पहुंचे जहां उन्होंने किसान प्रतिमा पर गंगाजल व मिट्टी से अभिषेक किया। जिला झज्जर के गांव डीघल से भी खाप प्रधान जय सिंह अहलावत की अगुवाई में 35 युवक कांवड़ लेकर टिकरी बॉर्डर पहुंचे और किसान प्रतिमा का अभिषेक किया। संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा इन कांवड़ियों का स्वागत किया जा रहा है।
अभिषेक के पश्चात अहलावत ने कहा कि किसान की प्रतीक पर जलाभिषेक करके हमने किसानों का सम्मान बढ़ाया है तथा किसानों के सम्मान से इस आंदोलन को और अधिक मजबूती मिलेगी। अहलावत ने किसानों से कहा कि हम आंदोलन के साथ हैं। साथ ही उन्होंने कहा की संयुक्त किसान मोर्चा की एक कॉल पर अहलावत खाप के तमाम लोग टिकरी बॉर्डर पर खड़े पाएंगे।
हिसार जिले के सिसाए गांव से आए युवा सुरेंद्र ने कहा कि किसान के प्रतीक पर जलाभिषेक करके हमने भगवान शिव में आस्था व्यक्त करने के साथ ही किसान आंदोलन के प्रति भी समर्थन व्यक्त किया है। इसी प्रकार प्रदेश के जिला झज्जर के गांव चंदोली से दीपक धनखड़ के नेतृत्व में 30 युवा डाक कांवड़ लेकर टिकरी बॉर्डर पहुंचे।
दीपक धनखड़ ने कहा कि खेती करना हम लोगों का कर्म है और भगवान शिव भी कर्म की भक्ति करने से प्रसन्न होते हैं। इसी तरह किसान आंदोलन के समर्थन में जींद जिले के गांव रामकली, भिवानी जिले के तालु और हिसार के गांव सिघंवा से भी 36 बिरादरी के युवा डाक कांवड़ लेकर टिकरी बॉर्डर गए ।
हरियाणा के हिसार जिले के गांव निताणी के रहने वाले वीरेंद्र नैन बाड़ो पट्टी टोल बैरियर से पैदल चलकर टीकरी बॉर्डर पहुंचे और किसान आंदोलन का समर्थन किया। राम गोपाल विश्वकर्मा अयोध्या यूपी ने भी किसान आंदोलन का समर्थन किया।
इसी तरह जिला झज्जर के गांव चंदोली से दीपक धनखड़ के नेतृत्व में 30 युवा डाक कांवड़ लाए। दीपक ने कहा कि खेती करना हमारा कर्म है और कर्म की भक्ति करने से भगवान शिव भी प्रसन्न होते हैं। जींद जिले के गांव रामकली, भिवानी जिले के तालु और हिसार के गांव सिघंवा से भी 36 बिरादरी के युवा कांवड़ में जल व मिट्टी लाए। हिसार जिले के गांव निताणी के निवासी वीरेंद्र नैन बाड़ो पट्टी टोल बैरियर से पैदल चलकर टीकरी बॉर्डर पहुंचे और आंदोलन को समर्थन दिया। राम गोपाल विश्वकर्मा अयोध्या यूपी ने किसानों को समर्थन दिया।
किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा की पहले कांवड़ यात्रा हरिद्वार से शुरू होती थी लोग वहां से अपने गांव में गंगाजल लाते थे। जबकि अब कांवड़ यात्रा गांव से शुरू हो रही है और जिस बॉर्डर किसान बैठे हैं, वहां लोग गांव की मिट्टी और जल लेकर जा रहे हैं। कुछ लोग अपने अपने वाहनों से जैसे ट्रैक्टर, मोटरसाइकिल, गाड़ी आदि से डाक कांवड़ लेकर टिकरी बॉर्डर पहुंच रहे हैं।
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