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Tokyo Olympic 2020: भारतीय हॉकी टीम ने रचा इतिहास, 41 साल बाद किया पदक अपने नाम

हॉकी टीम की जीत में पंजाब के खिलाड़ियों ने बेहतरीन प्रदर्शन कर सभी को गर्वांवित किया। ओलंपिक 2020 में भारत ने 41 साल बाद हॉकी में कांस्य पदक जीता। इसमें भारतीय हॉकी टीम ने जर्मनी को कड़ी टक्कर देकर जीत अपने नाम दर्ज कराई। इस जीत के साथ ही हरियाणा और पंजाब में जश्न का माहौल छा गया।

शुरुआत में पिछड़ने के बाद भारत ने जोरदार वापसी की और पदक अपने नाम किया। वहीं हॉकी टीम की जीत और उसमें पंजाब के खिलाड़ियों के शानदार प्रदर्शन से गदगद पंजाब के खेल मंत्री राणा सोढी ने ऐलान किया कि उनकी सरकार पदक विजेता हॉकी टीम के प्रत्येक खिलाड़ी को एक-एक करोड़ रुपये देगी।

Tokyo Olympic 2020: भारतीय हॉकी टीम ने रचा इतिहास, 41 साल बाद किया पदक अपने नाम

पंजाब के खिलाड़ियों का जलवा

मैच में पंजाब के गांव चाहलकलां के मूल निवासी खिलाड़ी सिमरनजीत सिंह ने गोल कर भारत को मैच में बढ़त दिलाई। सिमरनजीत के परिजनों की खुशी का कोई ठिकाना नहीं है। फिलहाल सिमरनजीत और उनका परिवार उत्तर प्रदेश के पीलीभीत के मझोला कस्बे में रहता है।

सिमरनजीत सिंह पंजाब में अपने रिश्तेदार के घर रहते हैं और वहीं से हॉकी का प्रशिक्षण भी लेते हैं। इसलिए गांव चाहलकलां में भी खुशी का माहौल है। उनके परिजनों ने खुशी जाहिर की और एक-दूसरे को मिठाई खिलाकर भारतीय हॉकी टीम की जीत का जश्न भी मनाया। 

वाहेगुरु को किया शुक्रिया अदा

वहीं मैच में गोल दागने वाले पंजाब के रुपिंदर पाल सिंह के माता-पिता ने टीम की जीत पर वाहेगुरु का शुकराना अदा किया। अनुभवी ड्रैग फ्लिकर रुपिंदर पाल सिंह मूल रूप से फरीदकोट के बाबा फरीद एवेन्यू के रहने वाले हैं। रुपिंदर के बेहतरीन प्रदर्शन से उनके परिवार व रिश्तेदारों के साथ खेल प्रेमियों में खुशी है।

रुपिंदर पाल सिंह के पिता हरिंदर सिंह ने कहा कि वाहेगुरु ने उन्हें ये बेहतरीन पल दिखाया है। उनकी मां सुखविंदर कौर को पूरा यकीन था कि रुपिंदर व उनके टीम के साथी सर्वश्रेष्ठ खेल का प्रदर्शन करेंगे। मां इसके लिए दिन-रात दुआएं भी मांग रहीं थीं। 

स्टार मिड फील्डर रहे हार्दिक सिंह

जालंधर के खुसरोपुर गांव के रहने वाले भारतीय हॉकी टीम के स्टार मिडफील्डर हार्दिक सिंह ने गुरुवार को भी अपना कमाल दिखाया। भारतीय पुरुष हॉकी टीम के पदक में हार्दिक के गोल का भी योगदान है। मैच से पहले हार्दिक की पिता वरिंदरप्रीत सिंह से फोन पर बात हुई थी। पिता ने उन्हें कहा था कि मैच बढ़िया होगा। इसलिए वह पूरे मनोबल के साथ मैदान में उतरे। भारत की जीत के बाद से हार्दिक के घर में खुशी का माहौल है। गांव के लोग, रिश्तेदार और दोस्त परिवार को बधाइयां दे रहे हैं।

मां की जिंदगी का यादगार लम्हा

टीम के कप्तान मनप्रीत सिंह जालंधर के गांव मिट्ठापुर के रहने वाले हैं। गुरुवार को टीम की जीत के बाद गांव में जश्न मनाया गया। मनप्रीत सिंह की मां मंजीत कौर बेटे की सफलता से बेहद प्रसन्न हैं। मां मंजीत कौर ने कहा कि मुझे अपने बेटे पर पर बहुत गर्व है। यह पल मेरी जिंदगी का सबसे यादगार लम्हे की तरह रहेगा।

Avinash Kumar Singh

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