दुनिया में कई तरीके के अजूबे होते हुए आपने देखे होंगे। कई तरह के अजूबे इस दुनिया में होते हैं। दुनिया बहुत सारे रंगों से भरी हुई है। धरती पर ऐसे काम भी होते हैं जिन पर यकीन करना मुमकिन नहीं होता। ऐसी ही एक रोचक कहानी है एक अंगूठी की। यह दुनिया की सबसे अनोखी अंगूठी है। जितनी खूबसूरत यह अंगूठी है उतनी ही रोचक इसकी कहानी है। बात शुरू होती है 19 अप्रैल सन 1759 को इस साल मशहूर अभिनेता और नाटककार ऑगस्ट विल्हेम का जन्म जर्मनी में हुआ था।
इसकी खासियत जानकार किसी को भरोसा नहीं होता है। सभी को यह बात बेफिजूल लगती है। दरअसल, उस अभिनेता के नाम पर एक अंगूठी का नाम दिया गया था कहा जाता है कि यह अंगूठी जिसको भी मिलती है उसके लिए यह गर्व की बात होती है।
दुनिया कितने अचंभो से भरी है इस बात का अंदाज़ा लगा पाना बहुत ही मुश्किल है। वैसे तो आमतौर पर इस अंगूठी को लोग शौक के लिए पहनते थे लेकिन आपको बताना चाहेंगे कि अभिनय और थिएटर कला में महारत हासिल करने वाले अभिनेताओं को यह अंगूठी दी जाती थी। इस अंगूठी में छोटे-छोटे यह जुड़े हुए हैं साथ ही इस अंगूठी पर इफलैंड की तस्वीर में बनी हुई है।
इसे पहनना आज भी सबसे गर्वित पलों में जर्मनी में माना जाता है। यह अंगूठी जिसको भी मिलती थी वह इस अंगूठी के वारिश का खुद चुनाव किया करता था। लेकिन कहा जाता है कि इसके असली मालिक की पहचान उसकी मृत्यु के बाद ही होती थी। इस रिंग से जिसको भी नवाजा जाता था वह एक कागज में इसके असली वारिस का नाम लिखकर एक बक्से में बंद कर देता था। जिसके बाद उसकी मृत्यु होने पर उसकी तिजोरी को खोला जाता था और जिसका भी नाम उस कागज पर लिखा होता था उसको यह अंगूठी सौंप दी जाती थी।
सालों बाद भी यह अंगूठी रहस्य ही बनी हुई है। इस अंगूठी के इतिहास की बात तो अभी तक किसी ने साफ नहीं की है और ना ही किसी को पता है कि इस अंगूठी का क्या इतिहास है। लेकिन कुछ लोगों के मुताबिक प्रसिद्ध लेखक जोहान वोलफगैंग से संबंध रखती है यह अंगूठी। इतिहासकारों की मानें तो अभी तक इस अंगूठी के नौ मालिक रह चुके हैं वर्तमान समय में यह अंगूठी जर्मनी के महान थिएटर कलाकार जयेश हर्जर के पास है ।
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