Categories: Sports

हरियाणा: मेडल और सर्टिफिकेट की भरमार के बावजूद, आखिर क्यों सब्जी बेचने को मजबूर हुआ ये खिलाड़ी?

हरियाणा सरकार लोगों का खेलों के प्रति रुचि बढ़ाने के लिए जागरूक भी कर रही है। इसके लिए सरकार कईं प्रकार की घोषणाएं करने के साथ ही कईं नीतियां भी लागू कर चुकी है। खिलाड़ियों के लिए हर सुविधा उपलब्ध करा रही है। इतनी सुविधाओं के बावजूद चरखी दादरी के नेशनल खिलाड़ी को सरकारी मदद नहीं मिली तो उनको सब्जियां बेचकर परिवार का पालन-पोषण करना पड़ रहा है।

देश-प्रदेश के लिए लगातार 8 वर्षों से एथलेटिक ट्रैक पर मेडल जीतने वाला खिलाड़ी दयाकिशन अहलावत सरकारी तंत्र से जीत नहीं पाया। नौकरी नहीं मिलने पर मजबूरी में सब्जी बेच रहा है नेशनल खिलाड़ी।

हरियाणा: मेडल और सर्टिफिकेट की भरमार के बावजूद, आखिर क्यों सब्जी बेचने को मजबूर हुआ ये खिलाड़ी?

मेडल और सर्टिफिकेट की भरमार के बावजूद सरकारी मदद का कर रहा इंतजार

आपको बता दें कि चरखी दादरी के प्रेम नगर क्षेत्र के निवासी दयाकिशन अहलावत ने स्कूल और कॉलेज के समय में एथलेटिक्स में खूब कामयाबी हासिल की। यूनिवर्सिटी और नेशनल के इंटर यूथ खेलों में उन्होंने कई पदक भी जीते। वर्ष 2002 में यमुनानगर में हुई प्रतियोगिता में दयाकिशन ने बेस्ट एथलीट का खिताब भी जीता।

दयाकिशन के पास अनेक गोल्ड, सिल्वर और ब्रॉन्ज मेडल के साथ साथ सर्टीफिकेट की भरमार है। लेकिन इतना सब होने के बावजूद आज तक सरकारी मदद का इंतजार कर रहा है खिलाड़ी।

सरकारी तंत्र से हारा नेशनल खिलाड़ी

अपनी सर्टिफिकेट लिए दयाकिशन सरकारी दफ्तरों से लेकर प्रशासनिक अधिकारियों व राजनेताओं के चक्कर भी लगा चुका है। लेकिन दयाकिशन को डीसी रेट की भी नौकरी नहीं मिली। सरकारी तंत्र से हारकर परिवार के पालन-पाषण के लिए उन्होंने सब्जी बेचने का काम शुरू किया।

आंखों से झलका दर्द, खेल नीति पर उठाए सवाल

भरी आंखों से नेशनल खिलाड़ी दयाकिशन का दर्द साफ झलक रहा था। उन्होंने सरकार की खेल नीति में बदलाव पर सवाल भी उठाए। यह भी कहा कि अगर सरकार ने खेल नीति में बदलाव नहीं किया होता तो शायद उसे भी सरकारी नौकरी मिल जाती। दयाकिशन ने बताया कि उसने नेशनल स्तर की कई प्रतियोगिताओं में मेडल जीते और प्रदेश का नाम रोशन किया। इसी दौरान उसने कई सालों तक सरकारी नौकरी के लिए इंतजार भी किया, लेकिन नौकरी नहीं मिली।

सब्जी बेचकर दो वक्त की रोटी का कर रहा है जुगाड़

जब से सरकार ने नई खेल नीति लागू की है तब से खिलाड़ी दयाकिशन प्रमाण पत्रों का ग्रेडेशन भी नहीं करा पा रहे हैं। दयाकिशन ने बताया कि परिवार के पालन-पोषण के लिए वह खेत में सब्जी उगाकर सब्जी मंडी में बेच रहा है। महामारी के दौरान उसकी सब्जियां बिकना बंद हो गईं थीं जिसकी वजह से सब्जियां खराब होने लगी। इसलिए उनको मांसाखोर का कार्य करना पड़ा। अब दो वक्त की रोटी का किसी तरह जुगाड़ करके परिवार का पालन-पोषण करना पड़ रहा है।

Avinash Kumar Singh

Recent Posts

एचिस्टा 2K24: संगीत, कला और प्रतियोगिता से भरपूर दूसरा दिन

ऐशलॉन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, फरीदाबाद में आयोजित वार्षिक तकनीकी-सांस्कृतिक-खेल उत्सव, एचिस्टा 2K24 का दूसरा दिन…

3 days ago

एचिस्टा 2K24: ऐशलॉन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में नवाचार, संस्कृति और रचनात्मकता का शानदार समापन

एचिस्टा 2K24 का भव्य समापन ऐशलॉन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में हुआ, जो तीन दिनों की…

3 days ago

ऐशलॉन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, फरीदाबाद का ECHIESTA 2K24 उद्घाटन समारोह: एक शानदार शुरुआत

फरीदाबाद के ऐशलॉन इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में तीन दिवसीय "ECHIESTA  2K24" का आज उद्घाटन हुआ।…

1 week ago

IMT मेंं पांच दिन करेंगे सिहोर वाले प्रदीप मिश्रा भगवान शिव का गुणगान,सजा पंडाल

बल्लबगढ़ स्थित सेक्टर-66 आईएमटी फरीदाबाद में लगभग 80 एकड़ में होने वाली पांच दिवसीय शिव…

3 weeks ago

केंद्रीय विद्यालय संगठन ने आयोजित किया ट्रीय खेलकूद प्रतियोगिता

विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास हेतु दृढ़ संकल्प को मन,वचन व कर्म से निभाते हुए विभिन्न…

2 months ago

भाजपा को पूरी ताकत से लाओ, क्षेत्र की तस्वीर बदलने का काम मेरा : ओल्ड फरीदाबाद विधानसभा प्रत्याशी विपुल गोयल

भारतीय जनता पार्टी के फरीदाबाद विधानसभा क्षेत्र से प्रत्याशी एवं पूर्व मंत्री विपुल गोयल ने…

2 months ago