हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग की परीक्षा के पेपर लीक होने के बाद सरकार द्वारा पेपर लीक करने व करवाने वालों के खिलाफ कड़ा कानून बनाने की पूरी तैयारी कर ली गई है। हरियाणा लोक परीक्षा अनुचित साधन निवारण विधेयक, 2021 को सोमवार को विधानसभा में प्रस्तुत कर दिया गया है। इस संदर्भ में लागू हुए कानून के बाद यदि कोई भी परीक्षा अधिकारी के साथ मिलकर पेपर लीक कराता है तो दोषी पाए व्यक्ति को अधिकतम 10 साल की कैद के साथ 10 लाख रुपए जुर्माना लगाया जाएगा।
बता दें कि पिछले दिनों हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग का पेपर लीक हो जाने के करना परीक्षा रद्द करनी पड़ी तथा परीक्षा की तारीख को आगे बढ़ाना पड़ा। ऐसा होने से सरकार की चिंता बढ़ जाती है। लेकिन अब सरकार द्वारा पारित नए कानून के जरिए इस मामले में राहत मिल सकेगी।
सदन पटल में चर्चा करने वाले विधेयक को सीएम मनोहर लाल ने बताया कि सरकार ने पेपर लीक होने व नकल के कारण होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए पाए गए दोषियों को कम से कम 7 साल की कैद की सजा होगी और साथ में 10 लाख रुपए तक का जुर्माना भी दोषी को भरना होगा। इतना ही नहीं दोषी की चल – अचल संपत्ति को भी कुर्क करने का प्रावधान इस कानून में है। इस विधेयक को मंगलवार को चर्चा के पश्चात पारित कर दिया गया है।
कांग्रेस विधायक वरुण चौधरी द्वारा विधेयक को सदन में प्रस्तुत करने के साथ ही पाई जाने वाली कमियों को दूर किए जाने का सुझाव प्रस्तुत किया। मंगलवार को हुई चर्चा के दौरान स्पीकर ने विधेयक में व्याप्त कमियों को दूर कराने की बात कही। विधेयक पारित हो जाने के बाद इसे मंजूरी के लिए सरकार द्वारा राज्यपाल को भेजा जाएगा। तत्पश्चात ही सरकार अधिसूचना जारी करेगी तथा नए कानून को अस्तित्व में लाया जाएगा।
पेपर लीक होने यह नकल मामले में पारित हुए नए कानून में रखे गए सजा के प्रावधान कुछ इस प्रकार है – • यदि कोई परीक्षार्थी नकल करता या कराता पकड़ा जाता है, या किसी अपराधिक रितिक इलेक्ट्रॉनिक में मैकेनिक उपकरण यज्ञ जट्ट का उपयोग करते हुए पकड़ा जाता है तो दोषी को 2 वर्ष की सजा के साथ ₹5000 जुर्माना लगाया जाएगा।
• परीक्षा के दौरान यदि कोई व्यक्ति निरीक्षण टीम के किसी भी सदस्य को परीक्षा केंद्र में प्रवेश करने से रोकता है या किसी भी प्रकार की धमकी देता है तो दोषी को 2 साल की सजा व ₹5000 जुर्माना भरना होगा।
• परीक्षा आयोजित करने वालों में शामिल यदि कोई भी अधिकारी, कर्मचारी पेपर लेकर आता या दलाली करता हुआ पकड़ा जाता है तो दोषी को 7 साल की कैद व ₹ 1 लाख से तीन लाख ₹ तक का जुर्माना लगाया जाएगा।
सोमवार को सदन में प्रस्तुत विधेयक में सीएम मनोहरलाल ने कहा कि सरकारी भर्ती का पेपर लीक होना न केवल आम जनता के साथ धोखा है बल्कि इससे सरकार की विश्वसनीयता पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। बार – बार परीक्षा रद्द किए जाने से सरकार को वित्तीय बोझ झेलना पड़ता है। उन्होंने बताया कि संविधान के अनुच्छेद 16-1 में भी निष्पक्ष व उचित भर्ती प्रक्रिया का प्रावधान है। इसलिए पारित किए गए नए कानून के तहत पेपर लीक को सरकार द्वारा संगठित अपराध माना जाएगा तथा पेपर लीक के दोषियों से ही दोबारा परीक्षा आयोजित करने पर आई लागत को वसूला जाएगा।
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