आईपीएस अधिकारी का पद देश के सम्मानित पदों में से एक है। कोई भी आम नागरिक एक आईपीएस की यूनिफॉर्म नहीं पहन सकता। अगर वो ऐसा करता है तो वह सजा का पात्र होता है। बिहार की डीएसपी रेशू कृष्णा को पति को शौक-शौक में आईपीएस बनाना महंगा पड़ गया और अब इनके सिर पर बड़ी कार्रवाई की तलवार लटक रही है।
बता दें कि कहलगांव की एसडीपीओ रेशू कृष्णा ने कुछ समय पहले एक फोटो सोशल मीडिया पर पोस्ट की थी। जिसमें एसडीपीओ अपने पति के साथ वर्दी में दिख रहीं थीं।
इसकी शिकायत किसी ने पीएमओ को कर दी। जिसके बाद पीएमओ ने मामले की जांच के आदेश दे दिए और अब जांच रिपोर्ट सौंप दी गई है। दोषी पाए जाने पर रेशू कृष्णा और उनके पति मुश्किल में पड़ सकते हैं। यहां तक की इन्हें जेल भी हो सकती है।
ये है पूरा मामला
जानकारी के अनुसार डीएसपी रेशू कृष्णा ने अपने पति के साथ एक फोटो सोशल मीडिया पर पोस्ट की थी। जिसमें इनके पति ने पुलिस यूनिफॉर्म पहना है। लोगों का कहना है कि डीएसपी रेशू कृष्णा के पति कथित तौर पर कुछ भी काम नहीं करते हैं।
लेकिन रेशू कृष्णा ने सोशल मीडिया पर अपने पति के साथ जो तस्वीरें साझा की हैं उसमें इनके पति आईपीएस अधिकारी की वर्दी में थे और पत्नी के साथ विक्ट्री साइन दिखा रहे थे। किसी ने इस बात की शिकायत पीएमओ से की जिसके बाद पुलिस विभाग में हलचल मच गई।
शिकायतकर्ता ने पीएमओ को लिखा पत्र
पीएमओ को भेजे पत्र में शिकायतकर्ता ने कहा है कि एसडीपीओ (डीएसपी) रेशू कृष्णा के पति कुछ भी काम नहीं करते हैं तो उन्होंने IPS की वर्दी कैसे पहनी है? रेशू कृष्णा का कहना है कि उनके पति एक आईपीएस अधिकारी हैं और पीएमओ में तैनात है। पत्र मिलने के बाद मामले को पीएमओ ने बिहार पुलिस मुख्यालय को सौंप दिया है।
मामला सामने आने के बाद अकाउंट से डिलीट की फोटो
बिहार पुलिस मुख्यालय ने मामले को लेकर जांच बैठाई जिसमें खुलासा हुआ है कि एसडीपीओ के पति आईपीएस अधिकारी नहीं है। वहीं मामला सामने आने के बाद एसडीपीओ और उनके पति ने अपने सोशल मीडिया एकाउंट से वर्दी वाली फोटो भी हटा दी है।
एसडीपीओ पर हो सकती है कानूनी कार्रवाई
इस पूरे मामले की जांच भागलपुर के एसएसपी निताशा गुड़िया कर रही हैं। जांच की रिपोर्ट उन्होंने पुलिस मुख्यालय को भेजी है। जानकारी के मुताबिक उस जांच रिपोर्ट के आधार पर पुलिस मुख्यालय कहलगांव एसडीपीओ पर कानून कार्रवाई कर सकता है।
मुख्यालय भेज दी गई जांच रिपोर्ट
डीआईजी सुजीत कुमार ने बताया कि पुलिस मुख्यालय के स्तर से इस मामले की जांच एसएसपी से कराई गई। मुख्यालय को जांच रिपोर्ट भेजी दी गई है। कहलगांव एसडीपीओ रेशू कृष्णा ने कहा कि वह इस बारे में कुछ नहीं बोलेंगी। उन्हें इसकी कोई जानकारी भी नहीं है।
3 साल की सजा और जुर्माने का है प्रावधान
भारतीय काननू के तहत सेना और पुलिस की वर्दी आम लोगों के पहनने पर प्रतिबंध है। आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम की धारा 6 के तहत अगर कोई आम व्यक्ति यह वर्दी पहनता है या इसका उल्लंघन करता है। तो इस पर सख्त कार्यवाही की जाएगी। उसे 3 साल की जेल और जुर्माना भी लगाया जा सकता है।
वहीं आईपीसी की धारा 140 के तहत 3 महीने तक की जेल और जुर्माने का प्रावधान है। ऐसे में अगर रेशू और उनके पति दोषी पाए गए तो उन्हें जेल तक हो सकती है।
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