Categories: Featured

मिलिए, देश की पहली ‘किन्नर’ जज से, फुटपाथ पर गुजारी रातें, लंबी लड़ाई लड़ बनी न्यायाधीश

भारतीय समाज में शुरू से ही ट्रांसजेंडर के लिए अपने मन में लोग एक अलग तरह की भावना रखते हैं। कभी गुजर बसर के लिए भीख मांगने के लिए मजबूर किन्नर जोइता मंडल अब पश्चिम बंगाल के इस्लामपुर की लोक अदालत में जज बन गई हैं। जोइता के लिए यह मुकाम इसलिए भी खास है क्योंकि वह ट्रांसजेंडर हैं। लेकिन उनके लिए यह सफर इतना आसान नहीं था। इसके लिए उन्होंने कड़ी मेहनत की है।

किन्नरों के लिए मन में गलत भावना रखने वाले लोगों को सबक सिखाते हुए सरकार ने भेदभाव को खत्म करने के लिए ट्रांसजेंडर को समान अधिकार दिया है। जोइता साल 2011 से ट्रांसजेंडर्स से जुड़े कई मुद्दों पर काम कर रही हैं। वह एक सोशल वर्कर हैं जो सामाजिक कार्य करती रहती हैं। अब जब वो एक ऑफिशियल गाड़ी में सिक्योरिटी एस्कोर्ट के साथ कोर्ट रूम में पहुंचीं तो सब लोग हैरान रह गए।

मिलिए, देश की पहली 'किन्नर' जज से, फुटपाथ पर गुजारी रातें, लंबी लड़ाई लड़ बनी न्यायाधीशमिलिए, देश की पहली 'किन्नर' जज से, फुटपाथ पर गुजारी रातें, लंबी लड़ाई लड़ बनी न्यायाधीश

ट्रांसजेंडर शब्द उन लोगों के लिए प्रयोग किया जाता है जिनकी एक लैंगिक पहचान या अभिव्यक्ति उस लिंग से अलग होती है, जो उन्हें उनके जन्म के समय दी गई होती है। जोइता को “लर्न्ड जज” की कैटेगरी में रखा गया है। जोइता दिजनापुर नोतुन आलो सासाइटी की फाउंडिंग मेंबर भी है। एक वक्त था जब रोजमर्रा के खर्च चलाने के लिए उनके पास कोई नौकरी नहीं थी और उन पर दबाव था कि वह या तो भीख मांगे या बधाई पार्टी में शामिल हो जाएं। जो शादी या बच्चे के जन्म के वक्त पैसे लेने घरों में जाती है।

किन्नरों को हमारे समाज में उपेक्षित और तिरस्कृत दृष्टि से देखा जाता है। कभी घर के गुजारे के लिए उन्होंने भीख मांगकर गुजारा करना पड़ा तो कभी घर-घर जाकर शादी और अन्य समारोहों में अपने समुदाय के लोगों के साथ नाच-गाना करना पड़ा। जोइता बचपन से ही पढ़ने में होशियार थी उन्होंने कॉलेज की पढ़ाई के लिए कोलकाता के कॉलेज में एडमिशन लिया।

ऐसा माना जाता है कि जिस परिवार को किन्नर समाज दुआ देता है वह परिवार खूब फलता फूलता है। जब वह पढ़ने के लिए शहर गई तो लोग उन पर भद्दे कमेंट करते थे। क्लासरूम में उन पर स्टूडेंट फब्तियां कसते थे। इस कारण उन्हें बीच में अपनी पढाई छोड़नी पड़ी। फिर वह सामाजिक कार्यकर्ता बन गईं। जिंदगी में जितनी मुश्किलें हो सकती थीं, उन्होंने सबका सामना किया।

Avinash Kumar Singh

Published by
Avinash Kumar Singh

Recent Posts

अब से Haryana रोडवेज़ की बसों पर देखने को मिलेगा यह नया स्लोगन, परिवहन मंत्री अनिल विज ने जारी किए आदेश 

अभी तक प्रदेश की जनता ने हरियाणा रोडवेज की बसों पर सिर्फ़ 'बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ'…

1 week ago

आज जारी हो सकता है Haryana बोर्ड की कक्षा 10वीं का रिजल्ट, ऐसे करें चेक 

प्रदेश के जिन छात्रो ने इस साल हरियाणा बोर्ड की 10वीं कक्षा के एग्जाम दिए…

1 week ago

Haryana के इस जिले की बेटी ने बिना ट्यूशन के ही 12वीं में हासिल किए 95.6%, यहाँ पढ़े पूरी खबर 

अभी हाल ही में हरियाणा शिक्षा बोर्ड ने 12 वी का रिज़ल्ट जारी किया है,…

1 week ago

इस फसल की खेती करने पर Haryana के किसानों को मिलेंगे प्रति एकड़ 1 हजार रूपये, यहाँ पढ़े पूरी ख़बर 

हरियाणा सरकार आए दिन प्रदेश की जनता के हित में कार्य कर रही है, ताकि…

2 weeks ago

Haryana के इन जिलों में होगा मॉक ड्रिल, यहाँ जाने इससे जुड़ी सभी जानकारी 

पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद से भारत सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा में सतर्कता…

2 weeks ago

Haryana शिक्षा बोर्ड ने 10वीं के परिणाम घोषित करने से पहले लिया यह बड़ा फैसला, यहाँ पढ़ें पूरी खबर 

प्रदेश के जिन छात्रों ने इस बार दसवीं की परीक्षा दी है यह खबर उनके…

3 weeks ago