फरीदाबाद, 16 जून – सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में आ रहे नये प्रौद्योगिकीय बदलावों को ध्यान में रखते हुए जे.सी. बोस विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, वाईएमसीए, फरीदाबाद ने अपने बीटेक पाठ्यक्रमों को अपग्रेड करते हुए नई प्रौद्योगिकी को पाठ्यक्रमों में विशेषज्ञता के रूप में शामिल किया है। आगामी शैक्षणिक सत्र से विश्वविद्यालय कंप्यूटर इंजीनियरिंग और इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग के चार वर्षीय बीटेक डिग्री पाठ्यक्रमों को डेटा साइंस और इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी) की विशेषज्ञता के साथ शुरू करने जा रहा है।
यह निर्णय इन विषयों के बढ़ते महत्व और इसमें कैरियर के विकल्पों को ध्यान में रखा गया है। इस संबंध में जानकारी देते हुए कुलपति प्रो. दिनेश कुमार ने बताया कि अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद् (एआईसीटीई) द्वारा हाल ही में विश्वविद्यालय के कंप्यूटर इंजीनियरिंग (सीई) बीटेक कोर्स के लिए 60 अतिरिक्त सीटों का आवंटन किया है। विश्वविद्यालय का बीटेक कंप्यूटर इंजीनियरिंग पाठ्यक्रम अपने बेहतरीन प्लेसमेंट रिकार्ड तथा आकर्षक सैलरी पैकेज के कारण हमेशा मांग में रहता है। वर्ष 2019 में, कंप्यूटर इंजीनियरिंग और सूचना प्रौद्योगिकी विभागों से 13 विद्यार्थियों का चयन 28.75 लाख रुपये सालाना के उच्चतम पैकेज पर हुआ था।
इस पाठ्यक्रम की निरंतर बढ़ती मांग और मार्केट में उपलब्ध रोजगार के अवसरों को देखते हुए विश्वविद्यालय ने पाठ्यक्रम में सीटों को बढ़ाने तथा इसे नई विशेषज्ञता के साथ शुरू करने का निर्णय लिया है। विश्वविद्यालय के कंप्यूटर इंजीनियरिंग पाठ्यक्रम में सीटों की कुल संख्या अब बढ़कर 180 हो गई है। इसके मद्देनजर विश्वविद्यालय द्वारा आगामी सत्र से 60 सीटों के साथ डेटा साइंस की विशेषज्ञता में बीटेक कंप्यूटर इंजीनियरिंग पाठ्यक्रम शुरू किया जा रहा है।
इसी तरह, विश्वविद्यालय द्वारा आगामी सत्र से इंटरनेट ऑफ थिंग्स की विशेषज्ञता के साथ बीटेक इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग पाठ्यक्रम भी शुरू किया गया है। नये पाठ्यक्रम के माध्यम से विद्यार्थियों को इंटरनेट प्रौद्योगिकी, दूरसंचार, सेंसर, क्लाउड कम्प्यूटिंग और डेटा एनालिटिक्स के साथ इलेक्ट्रॉनिक्स के मुख्य क्षेत्रों में सीखने का अवसर मिलेगा। कुलपति ने कहा कि डेटा साइंस, मशीन लर्निंग और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के बढ़ते क्षेत्र के साथ आईओटी आधारित उद्योगों में डेटा साइंटिस्ट और डेटा एनालिटिक्स की मांग निरंतर बढ़ रही है और मार्केट में योग्य डेटा साइंटिस्ट की कमी है।
रोजगार के क्षेत्र में विद्यार्थियों को नये अवसरों का लाभ देने के उद्देश्य से ही विश्वविद्यालय ने अपने बीटेक डिग्री पाठ्यक्रमों को डाटा साइंस और इंटरनेट ऑफ थिंग्स की विशेषज्ञता के साथ शुरू करने का निर्णय लिया है।
कुलपति ने कहा कि विगत पांच वर्षों के दौरान विश्वविद्यालय ने यूजी तथा पीजी स्तर पर 22 नए पाठ्यक्रम शुरू किए हैं और विभिन्न पाठ्यक्रमों में सीटों की संख्या में वृद्धि की है। वर्ष 2015 में विश्वविद्यालय के सभी पाठ्यक्रमों में सीटों की कुल संख्या 714 थी जो अब बढ़कर 1700 सीटों से अधिक हो गई है, जिसके कारण अगले दो वर्षों में विश्वविद्यालय में पढ़ने वाले विद्यार्थियों की कुल संख्या बढ़कर छह हजार होना अपेक्षित है जो वर्ष 2015 में लगभग 2400 थी।
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