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युवती ने पेश की ईमानदारी की मिसाल, नोटों से भरे बैग को पहुंचाया मालिक तक

बेईमानी के सौ रुपए से ज्यादा ईमानदारी का एक रुपया है। यह कथन हम आज एक ऐसी युवती के लिए कह रहे हैं जिसने ईमानदारी की मिसाल पेश की है। युवती का नाम रीता है और इनके कर्मों से ही इसकी ईमानदारी झलकती है।

बता दें कि रीता अपने कुछ जरुरी काम से मध्यप्रदेश की बस में यात्रा कर रही थी कि अचानक उनकी नजर सीट के पास रखे एक लावारिस बैग पर पड़ी।

युवती ने पेश की ईमानदारी की मिसाल, नोटों से भरे बैग को पहुंचाया मालिक तक

नोटों से भरा था बैग

जब उन्होंने वह बैग खोला तो उनकी आंखे खुली की खुली रह गईं। बैग ढेर सारे रुपयों से भरा हुआ था जिसे देख वह हैरान रह गईं। अगर रीता जगह कोई और होता तो वह इतने सारे रुपए देख लालची हो जाता और बैग अपने पास रख लेता।

पुलिस को किया सूचित

ईमानदार होने के साथ साथ इन्होंने सच्चे नागरिक का फर्ज अदा किया है। उन्होंने यह बैग सीधा साईंखेड़ा थाना के पुलिस को सौंप दिया। पुलिस ने आगे की कार्यवाही करते हुए बैग के मालिक का पता लगाया। जांच में पता चला कि यह बैग एक किसान का था।

किसान का था यह बैग

किसान के मेहनत का एक रुपया भी उसके लिए कीमती होता है क्योंकि यह उसकी मेहनत और खून पसीने की कमाई होती है। पुलिस ने जांच पड़ताल में पाया कि यह बैग बिरुल बाजार के रहने वाले एक किसान राजा रमेश साहू का है जो गलती से उस बस में भूल आया था।

ऐसे छूटा था बैग

बता दें कि किसान रमेश साहू अपनी गोभी की फसल बेचने के बाद भोपाल लौट रहा था। लौटने के दौरान उन्होंने जिस बैग में पैसे रखे थे वह बस में ही छूट गया था और बैग बाद में रीता को मिला और उसने इसकी सूचना पुलिस को दी।

फिर जांच पड़ताल में बैग के मालिक का पता चल गया और पुलिस ने यह बैग इसके मालिक किसान रमेश साहू को सौंप दिया। इस तरह से रीता ने एक किसान की सालों की जमा पूंजी बचाई।

पहले भी किए हैं ऐसे सराहनीय कार्य

आपको बता दें कि रीता ने पहली बार ऐसा कार्य नही किया है बल्कि इससे पहले जब किसी और के पैसे रीता के बैंक अकाउंट में गलती से आ गए थे तब भी रीता ने यह पैसे वापिस कर दिए थे। उस समय रीता के बैंक अकाउंट में किसी और के 42 हजार रुपए ट्रांसफर हो गए थे।

सम्मानित करने की योजना बना रहा है प्रशासन

रीता द्वारा लगातार किए जा रहे यह कार्य सराहनीय है। इसके लिए प्रशासन रीता और उसके परिवार वालों को सम्मानित करने की योजना बना रहा है। हर कोई रीता के इस जज्बे को सलाम करता है और यह उम्मीद करता है कि हर कठिन परिस्थिति में वह अपने इस जज्बे को समाप्त नहीं होने देंगी। साथ ही समाज को प्रेरित भी करेंगी।

Avinash Kumar Singh

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