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राधा स्वामी सत्संग घर सेवाभाव के मामले में अद्भुत मिसाल, खोरी गांव से बेघर लोगों के लिए खाने, रहने की संपूर्ण व्यवस्था

नगर निगम द्वारा खोरी गांव में पिछले दिनों अवैध निर्माण मकानों की तोड़फोड़ किए जाने के कारण भारी संख्या में बेघर हुए लोगों को राधा स्वामी सत्संग ब्यास से संबद्ध सूरजकुंड घर में आश्रय देकर मानवता की मिसाल पेश की जा रही है। सत्संग घर बेघर हुए सैकड़ों लोगों का अस्थाई ठिकाना बन गया है।

पिछले एक महीने से अधिक समय से सत्संग घर के सेवादार द्वारा प्रतिदिन इन बेघर लोगों की सेवा भावना की जा रही है। नियमित रूप से दो समय के खाने सहित चाय नाश्ता दिया जा रहा है। इतना ही नहीं बच्चों के लिए दूध का प्रबंध भी यहां पर किया गया है तथा समय समय पर डॉक्टरी उपचार की भी व्यवस्था की गई है।

राधा स्वामी सत्संग घर सेवाभाव के मामले में अद्भुत मिसाल, खोरी गांव से बेघर लोगों के लिए खाने, रहने की संपूर्ण व्यवस्था

बता दें कि अरावली वन क्षेत्र स्थित खोरी गांव में सुप्रीम कोर्ट द्वारा 14 जुलाई को अवैध निर्माण को हटाने के आदेश जारी किए गए थे। ऐसे में आवाज उठाई गई कि कोरोना संक्रमण के इस दौर में बेघर हुए लोग कहां जाएं। जिला प्रशासन को उस समय राधा स्वामी ब्यास की याद आई। गौरतलब है कि पिछले साल तीन महीने के लॉकडॉन के दौरान कामगारों को इसी सत्संग घर में ठहराया गया था तथा उनके रहने के साथ साथ भोजन की व्यवस्था भी की हुई थी।

बेघर हुए खोरी गांव के लोगों के लिए 16 जुलाई को सत्संग घर द्वारा लंगर की व्यवस्था शुरू की गई थी। बाद में 28 जुलाई को उनके रहने व खाने का अस्थाई प्रबंध वहां किया गया।

29 अगस्त से सत्संग घर में बेघर लोगों के खाने पीने व रहने की पड़ताल करने पर पाया गया कि सत्संग घर सेवाभाव की अद्भुत मिसाल है। रविवार की दोपहर को करीब 1:30 बजे खोरी गांव के करीब लोगों को सेवादारों द्वारा भोजन परोसे जाने के साथ हिदायत भी दी जा थी कि जितना खाना है, उतना ही ले तथा जूठा नहीं छोड़ना चाहिए। भोजन भंडार गृह में महिला सेवादारों द्वारा रोटियां तैयार करने के साथ भोजन के पश्चात बर्तन धोने की जिम्मेदारी भी निभाई जा रही थी। रात्रि भोजन की भी यही प्रक्रिया थी।

खोरी बस्ती में हजारों मकानों के उजड़ जाने के बाद बहुत से लोगों ने किराए पर मकान ले लिए हैं जबकि ऐसे परिवार जिनके पास किराए भरने के पैसे नहीं हैं, उन्होंने सत्संग घर में शरण ली हुई ही। ऐसे परिवारों की संख्या 75 है। सत्संग घर में अस्थाई रूप से रुके बिहार के मुंगेर जिले के हैदर अली व नूरजहां, मधुबनी की मंजू देवी, लालेश्वर तथा मसूरी के एरिक का कहना है कि उन्हें यहां ठहरने, खान-पान से लेकर नहाने-कपड़े धोने तक की कोई भी समस्या नहीं है।

कोविड संकरण का ध्यान रखते हुए यहां लोगों के चेहरे पर मास्क दिखने को मिलते हैं। दिहाड़ी कमाने गए लोगों के बच्चों का ख्याल सेवादारों द्वारा बखूबी रखा जा रहा है। इतना ही नहीं सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए मुख्य द्वार से प्रवेश करने वाले लोगों का भी रिकॉर्ड रखा जा रहा है।

सत्संग घर के सचिव सुजीत कुमार ने बताया की यहां लगभग सभी काे कोरोना से बचाव का टीका लगवाया जा चुका है तथा सामान्य उपचार के लिए भी यहां डॉक्टरों की व्यवस्था है। इस सब में प्रशासन से किसी भी प्रकार की कोई मदद नहीं ली जा रही है, सत्संग घर यह कार्य अपने पैसों से ही कर रहा है। सेवादारों का कहना है कि सेवा करने में उन्हें असीम सुख की अनुभुति प्राप्त होती है, उन्होंने बताया कि यह सब वे अपने बाबा जी के हुकुम से कर रहे हैं।

Avinash Kumar Singh

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