Categories: GovernmentTrending

सरकार-किसान के बीच छिड़ी जंग से व्यापारियों हुए तंग, व्यापार ठप होने से उद्यमियों में मचा हाहाकार

कृषि कानूनों के खिलाफ अन्नदाता में आक्रोश अब सरकार के साथ-साथ अब उद्यमियों को भी खलने लगा है। दरअसल, टिकरी बॉर्डर पर अन्नदाता का आंदोलन महीनों से जारी है, ऐसे में उद्यमियों के सामने व्यापार ठप होने की नौबत आन पड़ी है। मगर किसी के कानों में जूं तक नहीं रेंग रही। एक तरफ प्रधानमंत्री से लेकर मुख्यमंत्री तक उद्यमियों द्वारा टिकरी बॉर्डर खुलवाने की गुहार लगाने के बाद अब उन्होंने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग का दरवाजा खटखटा दिया है, जहां से उन्हें उम्मीद की किरण दिखाई दे रही हैं।

उद्यमियों द्वारा राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को लिखें पत्र में कहा गया है कि जिस प्रकार किसान अपनी मांगों को लेकर यहां पर जत्थ जमाएं बैठे हैं। उसी प्रकार हमारा भी अधिकार है कि वे अपना व्यापार आसानी से चलाएं। मगर किसानों व सरकार की आपसी लड़ाई में हमारा यह मूल अधिकार छीना जा रहा है।

उद्यमियों ने कहा है कि इस रास्ते से दिल्ली-हरियाणा में आवागमन बंद होने से न केवल क्षेत्र के उद्योगों को हजारों करोड़ रुपये का नुकसान उठाना पड़ रहा है बल्कि लाखों लोगों का रोजगार भी प्रभावित हो रहा है। आयोग को पत्र लिखकर इस मामले में हस्तक्षेप करते हुए उद्यमियों को उनका अधिकार दिलाने की मांग की गई है।

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग में दिए गए पत्र में उद्यमी नरेंद्र छिकारा ने बताया कि बहादुरगढ़ फुटवियर का हब है। साथ ही यहां दूसरे कारखाने के अलावा सूक्ष्म, मध्यम और बड़े मिलाकर करीब नौ हजार औद्योगिक इकाइयां हैं। इनमें जूते-चप्पल, आटोमोबाइल, स्पेयर पार्ट्स, पैकेजिंग आदि के उद्योग शामिल हैं।

उन्होंने आगे बताया कि यह उद्योग प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से साढ़े सात लाख से अधिक लोगों को रोजगार उपलब्ध करवा रहे हैं। मगर किसान आंदोलन के चलते नौ महीने से अधिक समय से टीकरी बार्डर बंद है। बार्डर बंद रहने से बहादुरगढ़ के उद्योग बुरी तरह प्रभावित हैं। एमआइई पार्ट बी की करीब दो हजार इकाइयां लगभग बंद हैं या बंद होने के कगार पर हैं।

अधिकतर उद्यमी व उनके कर्मचारी दिल्ली से हैं। उद्योगों में कच्चे व तैयार माल की आपूर्ति के लिए काफी हद तक दिल्ली पर निर्भरता है। बार्डर बंद होने से उनके सालाना करीब 80 हजार करोड़ टर्नओवर में से करीब 20 हजार करोड़ के टर्नओवर का नुकसान होता है।

बहादुरगढ़ चैंबर आफ कामर्स एंड इंडस्ट्रीज के वरिष्ठ उपाध्यक्ष नरेंद्र छिकारा ने आयोग को लिखे पत्र में कहा है कि बहादुरगढ़ के उद्योग मार्च 2020 को पहले लाकडाउन से ही मुश्किल समय से गुजर रहे हैं। किसान आंदोलन की वजह से बार्डर सील होने के कारण उद्योगों की हालत और ज्यादा खराब हो गई है। वाहनों को आसपास के गांवों की घुमावदार, संकरी व टूटी सड़कों से होकर बहादुरगढ़ आना पड़ता है।

इससे पांच मिनट के बजाय कम से कम दो घंटे लगते हैं। एंबुलेंस, फायर ब्रिगेड की गाड़ियों, व्यापारियों, माल से भरी गाड़ियों व अन्य लोगों के आने-जाने में बड़ी परेशानी होती है। बार्डर को दिल्ली पुलिस ने सील किया हुआ है। इसलिए आयोग से गुजारिश की गई है बार्डर को कम से कम एक तरफ से खुलवाने का प्रयास किया जाए।

Avinash Kumar Singh

Recent Posts

भाजपा के जुमले इस चुनाव में नहीं चल रहे हैं: NIT विधानसभा-86 के विधायक नीरज शर्मा

एनआईटी विधानसभा-86 के विधायक नीरज शर्मा ने बताया कि फरीदाबाद लोकसभा सीट से पूर्व मंत्री…

21 hours ago

मैं किसी बेटी का अपमान बर्दाश्त नहीं कर सकती – रेणु भाटिया (हरियाणा महिला आयोग की Chairperson)

मैं किसी बेटी का अपमान बर्दाश्त नहीं कर सकती। इसके लिए मैं कुछ भी कर…

2 months ago

नृत्य मेरे लिए पूजा के योग्य है: कशीना

एक शिक्षक के रूप में होने और MRIS 14( मानव रचना इंटरनेशनल स्कूल सेक्टर 14)…

2 months ago

महारानी की प्राण प्रतिष्ठा दिवस पर रक्तदान कर बनें पुण्य के भागी : भारत अरोड़ा

श्री महारानी वैष्णव देवी मंदिर संस्थान द्वारा महारानी की प्राण प्रतिष्ठा दिवस के उपलक्ष्य में…

2 months ago

पुलिस का दुरूपयोग कर रही है भाजपा सरकार-विधायक नीरज शर्मा

आज दिनांक 26 फरवरी को एनआईटी फरीदाबाद से विधायक नीरज शर्मा ने बहादुरगढ में दिन…

2 months ago