कोरोना के कारण लोगो अवसाद से ग्रसित नजर आ रहे आज की तनाव से भरी जिंदगी में लोगो के मन मे डर ने घर कर लिया है इस विषय के बारे ओम योग संस्थान , पाली के संस्थापक योगी राज डॉ ओम प्रकाश महाराज ने बताया कि योग से लोग अवसाद से बच सकते है उन्होंने आज व्रजासन के बारे के बारे में जानकारी की दी और उसके फायदे भी बताए
वज्रासन घुटनों को मोड़ने के बाद पैरों पर बैठकर किया जाने वाला आसन है। यह संस्कृत के शब्द ‘वज्र’ से बना है, जिसका अर्थ है आकाश में गरजने वाली बिजली। इसे डायमंड पोज भी कहते हैं।
इस योगासन में बैठकर प्राणायाम, कपालभाति व अनुलोम-विलोम किया जा सकता है। इसमें कोई दो राय नहीं कि वज्रासन शरीर को स्वस्थ रखने के लिए बेहतरीन योग है। ज्यादातर योगासन खाली पेट किए जाते हैं,
लेकिन वज्रासन अन्य आसनों की तुलना में अलग है। इसे आप खाना खाने के बाद भी कर सकते हैं, बल्कि खाना खाने के बाद वज्रासन करना पाचन तंत्र के लिए अच्छा माना जाता है।
वज्रासन के फायदे –
1) नियमित रूप से वज्रासन करने से आपका पाचन ठीक रहता है और कब्ज की समस्या दूर होती है।
2) बेहतर पाचन होने से एसिडिटी और अल्सर की समस्या से बचाव होता है।
3) यह आसन पीठ को मजबूत करता है और पीठ के निचले हिस्से की समस्या और साइटिका की समस्या से राहत दिलाता है।
4)यह श्रोणि मांसपेशियों को भी मजबूत करता है।
5)यह प्रसव पीड़ा को कम करने में मदद करता है और मासिक धर्म की ऐंठन को भी कम करता है।
6)ध्यान लगाने के लिए यह सर्वश्रेष्ठ आसनों में से एक है।
सावधानी – यूं तो यह आसन पूरी तरह से सुरक्षित है, लेकिन शुरुआत में आपको नीचे बताई गई बातों का ध्यान रखना चाहिए।
1) अगर आपके घुटनों में कोई समस्या है या हाल ही में घुटने की सर्जरी हुई है, तो यह आसन करने से बचें।
2) गर्भवती महिलाएं इस आसन को करते हुए अपने घुटनों में थोड़ा अंतर बनाकर रखें, ताकि पेट पर दबाव न पड़े।
3) अगर आपको रीढ़ की हड्डी में किसी तरह की समस्या है, तो इस आसन को करने से बचें। खासतौर पर, अगर आपके रीढ़ के जोड़ में कोई परेशानी है, तो वज्रासन न करें।
4) जो लोग हर्निया, आंतों के अल्सर और छोटी बड़ी आंतों में किसी तरह की समस्या से पीड़ित हैं, तो आप प्रशिक्षक की निगरानी में रहकर ही यह आसन करें।
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