किसान आंदोलन ने पूरे देश को हिला के रख दिया है इसमें कई चहरे इस आंदोलन का हिस्सा रहे हैं इनमे से एक नाम पूनम पंडित का है अपने तीखे बयानों से पूनम ने हमेशा आंदोलन में जान डाली है और सरकार पर सीधा हमला बोला है किसानों के साथ हर तकलीफ को पूनम झेल रही है, लेकिन सबसे ज़्यादा पूनम उस समय चर्चा में आई जब मुजफ्फरनगर में होने वाली सभा को मंच पर नहीं चढ़ने दिया।
उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर जिले कि पूनम पंडित लगातार किसान आंदोलन में अपनी अहम भूमिका निभाती आ रही है लेकिन क्या आपको यह बात पता है कि किसान आंदोलन से जुड़ने से पहले पूनम हरियाणवी डांसर सपना चौधरी की बाउंसर रह चुकी है।
इंटरनेट मीडिया से बात करते हुए पूनम पंडित ने इस बात की खुद जानकारी दी कि कुछ समय पहले वह सपना चौधरी की बाउंसर रह चुकी हैं उन्होंने कहा कि मुझे इस बात से कोई एतराज नहीं है कि मैं उनकी बाउंसर थी । मैं एक इंटरनेशनल खिलाड़ी हूं मैंने नेपाल में स्वर्ण पदक जीता है एक इंटरनेशनल शूटर होने के नाते मैं यह कह सकती हूं कि बाउंसर भी खेल से जुड़े होते हैं।
जब पूनम से किसान आंदोलन के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि मैंने इस कानून को बड़ी गहराई से समझा है उसके बाद ही मैं इसमें शामिल हो गई, मुझे इस बात का खेद है कि सपना चौधरी एक हरियाणा कलाकार से होते हुए भी किसान आंदोलन का हिस्सा नहीं बन पाई है।
पूनम पंडित ने कहा कि कुछ लोग इस आंदोलन में जहर खोलने का प्रयास कर रहे हैं इसकी वजह से मेरे साथ मुजफ्फरनगर में अभद्रता की गई, किसान महापंचायत के वालंटियर पर सवाल करते हुए पूनम ने कहा कि वहां पर एक लड़के ने मेरे साथ बदतमीजी की मेरे कमर में हाथ डाल कर मुझे खींच लिया और बोला कि आप को किसी भी सूरत में मंच पर नही चढ़ने दूंगा मैं वहां पर घबरा गई मेरी तबीयत खराब हो गई और मेरी समझ में कुछ नहीं आया यह सब क्या हो रहा है ।
पूनम आगे बताते हुए कहती हैं कि राकेश टिकैत ने मुझे खुद किसान महापंचायत में बुलाया था बाद में उन्होंने मुझे मंच पर बिठाया । पूनम पंडित ने कहा कि मैं अपने आखिरी दम तक किसानों के साथ रहूंगी । पूनम अपने जीवन के बारे में बात करते हुए बताती है कि मेरे पिता बहुत समय पहले हमें छोड़ कर इस दुनिया से चले गए थे मेरी मां ने हमारी परवरिश की और अब मैं जब बडी हुई तो घर चलाने के लिए मैंने सपना चौधरी के बाउंसर का काम संभाला अपनी छोटी बहन की शादी की मैं खुद अभी 25 साल की हूं।
इन दिनों पूनम पंडित करनाल में रहीं और वहां पर मंच से कई बार आंदोलनकारियों को संबोधित भी किया हरियाणवी और यूपी दोनों ही लहजो में प्रभावी भाषण देती हैं उनकी लोकप्रियता भी काफी है मगर कुछ लोग ऐसे हैं जो उन्हें पसंद नहीं करते इसी तरह की घटना पहले भी सामने आ चुकी है टिकरी बॉर्डर पर भी उन्हें आने से रोक दिया गया था पूनम पंडित बहुत भावुक हो गई थी और आंखों से आंसू बहने लगे थे पूनम ने कहा कि मेरे बारे में कई तरह की बातें होती है लेकिन मैं फिर भी हार नहीं मानूंगी ।
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