लक्ष्य हमारे समक्ष यदि स्पष्ट हो, मन में कुछ कर गुजरने का हौंसला हो, तो सपने पूरे होते ही हैं। सेक्टर तीन निवासी दीक्षा के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ है। दीक्षा का लक्ष्य था कि उसे आईपीएस बनना ही है, फिर चाहे उसके लिए उसे कितनी भी मेहनत क्यों न करनी पड़े। लगातार तीन बार यूपीएससी की परीक्षा देने के बाद उसने आईपीएस बनने की दिशा में आखिर कदम बढ़ा ही दिए।
तीसरी बार की यूपीएससी की परीक्षा में दीक्षा 208वीं रैंक प्राप्त कर अपने लक्ष्य को हासिल करने के पथ की ओर अग्रसर हो गई। वर्तमान में दिल्ली राजौरी गार्डन में एसीपी के पद पर तैनात दीक्षा तोमर अब आईपीएस बनने की राह में आगे बढ़ चुकी है। यूपीएससी 2020 में दीक्षा ने 208 वीं रैंक हासिल की है।
दीक्षा ने जब पिछली परीक्षा में 580 वी रैंक प्राप्त की थी तो वे डीमोटिवेट होने लगी थी, लगने लगा जैसे अब परीक्षा पास ही नहीं हो पाएगी। इस बारे में उन्होंने अपने घर वालों से भी बात की और हमेशा की तरह उनके मम्मी पापा मोटिवेट करने आगे आए। उनके सपनों के बारे में याद दिलाया। बस यही से उन्हें बाउंसबैक मिला और एक बार फिर आगे बढ़कर चुनौती से लड़ी और जीत हासिल की।
बता दें कि दीक्षा की मम्मी सुनीता रोहतक के पंडित नेकीराम कॉलेज में एसोसिएट प्रोफेसर हैं जबकि पापा दलजीत सिंह शिक्षा विभाग में डीईईओ हैं। उनके पति इनकम टैक्स विभाग में असिस्टेंट कमिश्नर हैं। दीक्षा ने बताया कि उन्होंने हर कदम पर उनका साथ दिया और आईएएस बनने के सफर में हमेशा मेरे साथ रहे।
वर्ष 2016 में दीक्षा ने यूपीएससी अटेंप्ट की था, जिसमें उन्हें 611वां रैंक प्राप्त हुआ था। उस समय आईपीएस बनने का टारगेट लेकर आगे बढ़ रही दीक्षा को पब्लिक इंफाॅर्मेशन ब्यूरो में असिस्टेंट डायरेक्टर की ज्वाइनिंग मिली थी। लेकिन अपने लक्ष्य तक पहुंचने के लिए दीक्षा ने वर्ष 2017 में एक बार फिर यूपीएससी परीक्षा दी। इसमें 580वां रैंक हासिल किया था। इस रैंक के आधार पर वे दिल्ली पुलिस में असिस्टेंट कमिश्नर ऑफ पुलिस के पद पर तैनात हुईं। रैंक सुधरने व अपना आईपीएस बनने का सपना पूरा करने के लिए दीक्षा ने तीसरी बार यूपीएससी की परीक्षा दी। अब उनका आईपीएस बनने का सपना पूरा हो सकेगा।
दीक्षा का कहना है कि पुलिस की फ्रंटलाइन जॉब 24×7 की होती है। इसमें पढ़ाई के लिए समय निकलने के लिए साल भर के लिए एक शेड्यूल तैयार किया और उसे फॉलो करती रहीं।
दीक्षा ने वर्ष 2011 से 2014 तक दिल्ली के मिरांडा हाउस वूमेन कॉलेज से इकोमोनिक्स व जियोग्राफी से यूजी की है। उसके बाद जियोग्राफी में ही जेएनयू से पीजी किया है। पढ़ाई के साथ – साथ यूपीएससी की तैयारी भी वे करती रहीं।
इंटरव्यू के दौरान दीक्षा से पूछा गया कि बार – बार आप परीक्षा दे रहे हो, आखिर आपको लाइफ में क्या चाहिए ? ऐसे में आप खुद को कैसे मोटिवेट रख पाते हो ? जवाब में दीक्षा ने कहा कि मेरा लक्ष्य बड़े स्तर पर फील्ड में लोगों के लिए काम करना है। इस लक्ष्य के बारे में सोचते ही मुझे पॉजिटिव एनर्जी प्राप्त होती है और अपने कार्य में जुट जाती हूं।
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