मैं हूं विकास दुबे, कानपुर वाला…मैं कानपुर वाला विकास दुबे हूँ। दरअसल ये शब्द आज भी कान में गूंजते हैं। बतादें यूपी पुलिस की दर्जनों टीमें कई राज्यों और नेपाल तक में लंबा जाल बिछाने के बावजूद घटना के एक हफ़्ते बाद तक विकास दुबे को पकड़ नहीं पाईं।
गुरुवार को उज्जैन के महाकाल मंदिर में विकास दुबे ने कथित तौर पर ख़ुद को सरेंडर कराया। हालांकि मध्य प्रदेश पुलिस का दावा है कि गिरफ़्तार उन्होंने किया लेकिन इस गिरफ़्तारी पर संदेह जताया जा रहा है। शुक्रवार को सुबह ही विकास दुबे के कथित तौर पर मुठभेड़ में पहले घायल होने और फिर कानपुर के हैलट अस्पताल में मारे जाने की ख़बर आई।
यूपी एसटीएफ़ जानकारी दी कि विकास दुबे को उज्जैन से कानपुर लाया जा रहा था। कानपुर के पास ही पुलिस की एक गाड़ी अचानक हादसे का शिकार होकर पलट गई। इस दौरान विकास दुबे ने हथियार छीनकर भागने की कोशिश की, जिसके बाद पुलिस को आत्मरक्षा में अभियुक्त को मारना पड़ा।
और उसकी अकूत सम्पत्ति की बातें भी आपको बताते हैं। विकास के एनकाउंटर के बाद जब इसकी सम्पति का आकलन किया गया तब सबके होश उड़ गए क्योंकि विकास दुबे की सम्पति 100 करोड़ रूपए से भी अधिक थी। शुरूआती जांच में यह पता चला है की विकास दुबे पिछले तीन सालों में 14 बार विदेश गया था साथ ही लखनऊ और कानपुर में इसके कई फ्लैट्स और घर है जिनकी कीमत करोड़ों में है।
इतना ही नही विकास दुबे के दुबई में भी कई घर और फ्लैट्स मौजूद है और एक अनुमान के साथ विदेशों में बने इसके घर और फ्लैट्स की कीमत 30 करोड़ से भी ज्यादा है। विकास दुबे ने अपने इलाके में डर और दहशत की बदौलत कई सम्पतियों पर कब्जा करना और वसूली करना शुरू कर दिया और धीरे धीरे U.P का कुबेर बन गया। लोग उसके नाम से ही कांपते थे क्योंकि उसने दहशत का इतना बड़ा सम्राज्य खड़ा कर दिया था की वो चाहता था हथिया लेता था।