मशीनें अक्सर इंसानों को अपनी तरफ आकर्षित करती हैं। मशीनों ने इंसानों का काम काफी आसान किया है। मानसा के मिट्ठू कबाड़ी के बेटे डिंपल अरोड़ा ने उत्तर प्रदेश सहारनपुर जिले के सरसावा एयरबेस स्टेशन से कबाड़ हो चुके एयरफोर्स के छह हेलीकाप्टर को 72 लाख रुपये में खरीदा है। इनमें से तीन साथ ही साथ पहले ही बिक गए। बाकी के तीन को वह मानसा लेकर आया तो देखने वाले लोगों का तांता लग गया। लोग यादगार के लिए सेल्फियां भी ले रहे हैं।
देश-दुनिया में ऐसे कई अजीब मामले होते रहते हैं जिनके बारे में सुनकर अक्सर व्यक्ति हैरान हो जाता है। इस मामले में डिंपल का कहना है कि उनके पिता मिट्ठू ने साल 1988 में कबाड़ का कारोबार शुरू किया था। अब खरीद इतनी ज्यादा हो गई है कि उनके पास करीब 6 एकड़ जमीन पर कबाड़ रखा हुआ है।
अगर कोई नई चीज व्यक्ति को देखने को मिलते हैं तो उसको देखने वालों की भीड़ इकट्ठी हो जाती है। वह अब मानसा पंजाब में ही नहीं, बल्कि देश के अन्य हिस्सों से भी कबाड़ की खरीद का काम करते हैं। डिंपल ने बताया कि करीब तीन माह पहले वे कबाड़ की खरीद के लिए आनलाइन सर्च कर रहे थे तो उनको एयरफोर्स की आक्शन दिखाई दी। इसमें छह हेलीकाप्टर की नीलामी होनी थी।
कभी जेसीबी और क्रेन को देखने के लिए लोगों की भीड़ लग जाती है तो कभी कबाड़ हो चुके हेलिकॉप्टर के साथ लोग सेल्फी लेना शुरू कर देते हैं। इन हेलीकाप्टरों को उन्होंने आनलाइन 72 लाख में खरीद लिया। एक हेलीकाप्टर 12 लाख रुपये का पड़ा। खरीदने के कुछ देर बाद ही तीन हेलीकाप्टर बिक गए। लाकडाउन के चलते बाकी के तीन हेलीकाप्टर लाने में देरी हो गई।
बहुत से लोग ऐसे हैं जो मशीनों की तरफ आकर्षित हो जाते हैं। अगर कभी गली मोहल्ले में जेसीबी या क्रेन देखने को मिलते हैं तो लोग उसको देखने के लिए इकट्ठे हो जाते हैं। ट्राले के जरिये वह तीनों हेलीकाप्टर मानसा ले आए। सरसावा से मानसा लाने के लिए 75 हजार रुपये प्रति हेलीकाप्टर का किराया देना पड़ा। जैसे ही यह हेलीकाप्टर मानसा पहुंचे तो देखने वाले लोग बड़ी संख्या में पहुंच गए। लोगों ने बच्चों को हेलीकाप्टर के पास खड़ा कर फोटो व सेल्फी भी ले रहे हैं।