हिमाचल की मनाली में फ्रेंडशिप चोटी पर तिरंगा फहरा, हरियाणा की किसानी बेटी ने माउंट एवरेस्ट फतह की ठानी

0
931
 हिमाचल की मनाली में फ्रेंडशिप चोटी पर तिरंगा फहरा, हरियाणा की किसानी बेटी ने माउंट एवरेस्ट फतह की ठानी

अगर आपके मन में भी उम्मीद और कुछ दिखाने की खासियत है तो आपके इरादों के आड़े कोई दीवार खड़ी नहीं हो सकती। ऐसी हिबेक जीती जागती मिसाल हरियाणा के हिसार जिले के डाटा गांव के छोटे से किसान की बेटी मीनू ने कर दिखाया है।

दरअसल, मीनू ने हिमाचल के मनाली में फ्रेंडशिप चोटी पर तिरंगा फहराया है और अब उसका सपना है माउंट एवरेस्ट को फतह करने की जिद ठान ली हैं।

हिमाचल की मनाली में फ्रेंडशिप चोटी पर तिरंगा फहरा, हरियाणा की किसानी बेटी ने माउंट एवरेस्ट फतह की ठानी

कहां की रहने वाली हैं मीनू

हिसार जिले के डाटा गांव एक छोटे से किसान कृष्ण कालीरामणा के घर मीनू का जन्म हुआ था।

क्या था मीनू का सपना

मीनू का बचपन से ही सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट को फतह करने का सपना है।

कैसे हुआ मीनू का सपना पूरा

इसी सपने को पूरा करने के लिए मीनू ने हिमाचल के मनाली में फ्रेंडशिप चोटी पर तिरंगा फहरा कर अपनी मंजिल की ओर एक और कदम बढ़ाया है।

हिमाचल की मनाली में फ्रेंडशिप चोटी पर तिरंगा फहरा, हरियाणा की किसानी बेटी ने माउंट एवरेस्ट फतह की ठानी

कितनी फीट पर लहराया मीनू ने तिरंगा

मीनू ने 20 सितंबर को अपने पर्वतारोहियों के साथ सफर की शुरुआत की थी। इस दौरान मीनू ने 17352 फीट ऊंची फ्रेंडशिप चोटी पर तिरंगा लहराया।

कितना संघर्ष पूर्ण रहा मीनू का यह सफर

हाड़ कंपकंपा देने वाली सर्दी और तेज चलती ठंडी हवाओं ने कई बार मीनू के रास्ते में बाधा बनने की कोशिश की, लेकिन मीनू के हौसले और जज्बे के आगे ठंड और बर्फीली हवाओं को भी रास्ता छोड़ना पड़ा हैं। ताइक्वांडो में गोल्डमेडलिस्ट पर्वतारोही मीनू बीए फाइनल की छात्रा है और खेलों के साथ-साथ उसका सपना माउंट एवरेस्ट को फतेह करना है।

हिमाचल की मनाली में फ्रेंडशिप चोटी पर तिरंगा फहरा, हरियाणा की किसानी बेटी ने माउंट एवरेस्ट फतह की ठानी

बिना कोर्स कसे मीनू ने थामी अपने सपनो की डोर

मीनू का कहना है कि उसने बिना किसी कोर्स के अपनी मेहनत और लगन के सहारे फ्रेंडशिप चोटी पर तिरंगा फहराया है। मीनू का कहना है कि घर की कमजोर आर्थिक हालात उसके रास्ते में बाधा बन रही है। इसके बावजूद उनके पिता अपनी बेटी के जज्बे और कड़ी मेहनत को देखते हुए बेटी के रास्ते में घर की कमजोर आर्थिक हालात को बाधा नहीं बनने देने की कोशिश में लगे हुए हैं