भारत एक ऐसा देश है जहां किसी भी शुभ मौके पर किन्नरों को दान किया जाता है। सालों से यह परंपरा चली आ रही है। हमारे समाज में एक और समाज “किन्नर समाज” भी है। यह एक ऐसा शब्द है जो महिला और पुरुष दोनों में समावेश है। भारतीय शास्त्रों के अनुसार देखा जाए तो किन्नरों को बहुत ही महत्वपूर्ण माना गया है। ऐसा बताया जाता है कि किन्नरों की दुआ और बद्दुआ का मानव जीवन पर काफी गहरा प्रभाव पड़ता है। इसलिए कभी भी भूल कर किन्नरों की बद्दुआ नहीं लेनी चाहिए।
भारत में हर ख़ुशी के मौके पर नाच गाने की परम्परा रही है। चाहे शादी हो या बच्चे के जन्म जैसे खास मौकों जश्न मनाया जाता है। इन्हीं खास मौकों पर किन्नरों के घर में आकर नाच गाना और दक्षिणा देने की परंपरा भी है। अगर कोई मांगलिक अवसर या त्यौहार होता है तो उस पर भी किन्नरों को दान दक्षिणा देने की परंपरा है।
माना जाता है किन्नरों को दान करने से और उनका पाने से जीवन में बरकत और सुख-शांति बनी रहती है। अगर किन्नर खुश होकर आपको दुआ देते हैं तो इससे जीवन हमेशा सुखी पूर्वक व्यतीत होता है। इसी वजह से कहा जाता है कि किन्नरों को हमेशा दिल खोलकर दान देना चाहिए। अगर किन्नरों को दान दिया जाए तो इससे जीवन में बरकत और सुख-शांति बनी रहती है परंतु कुछ ऐसी चीजें भी हैं जो किन्नरों को भूलकर भी दान में नहीं देनी चाहिए।
लोग दिल खोलकर उन्हें दान करते हैं। लेकिन ऐसी कुछ चीजें हैं जो किन्नरों को कभी भी दान नहीं करनी चाहिए। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, झाड़ू को धन की देवी माता लक्ष्मी जी का प्रतीक माना जाता है। ऐसा बताया जाता है कि झाड़ू माता लक्ष्मी जी को अत्यंत प्रिय है इसलिए भूलकर भी झाड़ू किन्नरों को दान में नहीं देना चाहिए। माता लक्ष्मी नाराज हो जाती हैं, जिसके कारण घर में हमेशा आर्थिक तंगी बनी रहती है। इतना ही नहीं बल्कि खर्चों में भी बढ़ोतरी होने लगती है।
यह सब दान करने से आपके जीवन में परेशानी आ सकती हैं। भूलकर भी पुराने कपड़े किन्नरों को दान ना दें अन्यथा इसकी वजह से जीवन में बहुत सी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। जब कोई शुभ अवसर होता है तो ऐसे में किन्नर आटा या चावल लेकर जाते हैं परंतु आपको इस बात का विशेष ध्यान रखना होते किन्नरों को भूलकर भी तेल दान में नहीं देना चाहिए अन्यथा इससे घर में कोई ना कोई संकट उत्पन्न होने की संभावना रहती है।
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