मां दुर्गा की इन मूर्ति को देख गायब हो रहा लोगों का दुख, आप भी दर्शन कर भुला दें अपने सारे गम

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    शारदीय नवरात्रि 07 अक्टूबर, दिन गुरुवार से प्रारंभ हो चुके हैं। पूरा देश इन दिनों दुर्गा मां की भक्ति में लीन है। नवरात्रि के इस पावन पर्व पर हर कोई माता रानी को प्रसन्न करने में लगा है। इस दौरान लोगों ने घर में घट स्थापना की तो वहीं पंडालों में देवी मां की मूर्तियां स्थापित की गई। इस वर्ष महामारी गाइडलाइन और अन्य नियमों के अनुसार माता की प्लास्टर ऑफ पेरिस जैसी सामग्री से मूर्तियां बनाने पर पाबंदी है।

    हिंदू धर्म में नवरात्रि का विशेष महत्व होता है। नवरात्रि के नौ दिन मां दुर्गा के अलग-अलग स्वरूपों की उपासना की जाती है। मूर्ति कलाकार अपनी क्रिएटिविटी का इस्तेमाल कर तरह-तरह की आकर्षक प्रतिमाएं बना रहे हैं। ऐसी ही एक आकर्षक और अनोखी प्रतिमा इन दिनों सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बनी हुई है।

    मां दुर्गा की इन मूर्ति को देख गायब हो रहा लोगों का दुख, आप भी दर्शन कर भुला दें अपने सारे गम

    महिषासुर मर्दिनी मां दुर्गा के भक्त माता रानी को प्रसन्न करने के लिए विधि-विधान के साथ पूजा-अर्चना करते हैं और व्रत रखते हैं। सोशल मीडिया पर इन दिनों दुर्गा मां की खुलकर मुस्कुराते हुए एक प्रतिमा बड़ी वायरल हो रही है। ये प्रतिमा इतनी आकर्षक है कि देखने में बिल्कुल सजीव लगती है। इसे देख ऐसा लगता है मानों माता रानी साक्षात धरती पर आ गई हैं और प्यारी सी मुस्कान दे रही हैं।

    मां दुर्गा की इन मूर्ति को देख गायब हो रहा लोगों का दुख, आप भी दर्शन कर भुला दें अपने सारे गम

    नवरात्रि में भक्त भक्ति भाव से पूजन करने के साथ एक-दूसरे को नवरात्रि की बधाई भी देते हैं। दुर्गा मां की यह शानदार मूर्ति मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले से 22 किलोमीटर दूर सिंगोड़ी गांव में स्थापित की गई है। इसे यहीं के रहने वाले मूर्तिकार पवन प्रजापति ने बनाया है। लोग पवन की कलाकृति और हुनर की तारीफ करते नहीं थक रहे हैं।

    मां दुर्गा की इन मूर्ति को देख गायब हो रहा लोगों का दुख, आप भी दर्शन कर भुला दें अपने सारे गम

    नवरात्रि के नौ दिन देवी के नौ रूपों की आराधना की जाती है। ऐसे में देवी मां की यह मूर्ति इतनी सजीव और आकर्षित है कि इसके दर्शन करने सिर्फ छिंदवाड़ा ही नहीं बल्कि पड़ोसी जिले नरसिंहपुर, बैतूल, होशंगाबाद, सिवनी से भी लोग आ रहे हैं। इस मूर्ति को देखने के बाद लोग मूर्तिकार पवन से मिलते हैं और उनके हुनर की सराहना करते हैं।