शफी ने नसीम को थी अपनी बीवी उधार,अब नसीम ने लौटाने से किया साफ इंकार यह रहा पूरा मामला

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    आपने महिला को जुए में हारने की बात तो सुनी होगी,लेकिन ये खबर आपको चौंका देने वाली है। इसे पढ़कर आप भी यकीन नहीं करेंगे। जी हाँ ऐसा ही एक अजीबो गरीब मामला सामने आया जहाँ एक व्यक्ति ने अपने दोस्त को बीस दिन के लिए अपनी पत्नी ही उधार दे दी और जब दोस्त ने पत्नी वापस नहीं की तो वो पहुँच गया अदालत।

    यह व्यक्ति पिछले के साल से अपनी बीवी को घर वापिस लाने के लिए पुलिस से गुहार लगा रहा है। इसमें समस्या सियासी भी है, दरअसल ये मामला उत्तराखंड के उधमनगर से जुड़ा हुआ है, जहां एक युवक ने अपनी बीवी अपने दोस्त को उधार के रूप में दे दी थी।

    शफी ने नसीम को थी अपनी बीवी उधार,अब नसीम ने लौटाने से किया साफ इंकार यह रहा पूरा मामला

    आपने लोगों को रूपये पैसे या फिर कोई गाड़ी या चीज़ उधार देते हुए सुना होगा लेकिन क्या कोई अपनी पत्नी को किसी को उधार दे सकता है? इस शख्स ने अपने दोस्त को अपनी बीवी उधार क्यों दी उसके पीछे की कहानी भी जान लीजिए। मुरादाबाद के भोजपुर में रहने वाला इसका दोस्त शफी अहमद चेयरमैन का चुनाव लड़ना चाहता था लेकिन भोजपुर सीट पिछड़े वर्ग में आरक्षित हो गई इसीलिए उसने पिछड़ी जाति के दोस्त नसीम अहमद से उसकी बीबी रेहमत जहां को उधार मांग कर उसे चुनाव में खड़ा कर दिया।

    शफी ने नसीम को थी अपनी बीवी उधार,अब नसीम ने लौटाने से किया साफ इंकार यह रहा पूरा मामला

    सही पढ़ा आपने दोस्त को मुरादाबाद भोजपुर सीट पर चेयरमैन का चुनाव लड़ना था। किस्मत देखिए रहमत जहां चुनाव जीतकर चेयरमैन बन गई। डील के मुताबिक चुनाव के बाद उसे इसकी बीवी वापस करनी थी लेकिन अब एक साल हो गए लेकिन अब तक उसके दोस्त ने नसीम की बीवी को वापस नहीं किया है।

    शफी ने नसीम को थी अपनी बीवी उधार,अब नसीम ने लौटाने से किया साफ इंकार यह रहा पूरा मामला

    सीट पिछड़े वर्ग में आरक्षित हो गई इसीलिए उसने पिछड़ी जाति के दोस्त नसीम अहमद से उसकी बीवी रेहमत जहां को उधार मांग कर उसे चुनाव में खड़ा कर दिया ,किस्मत का ऐसा झुकाव पड़ा की उधार ली गयी महिला चेयरमैन बन गयी।