जेवर एयरपोर्ट को दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे से जोड़ा जाएगा साथ ही इसके लिए हरियाणा और यूपी में 31 किमी लंबा 6 लेन का ग्रीनफील्ड कनेक्टिंग मार्ग बनाया जाएगा,तभी जेवर एयरपोर्ट को फरीदाबाद जिले में इस एक्सप्रेसवे से जोड़ेगा।
बता दे की इस प्रोजेक्ट पर करीब 2,100 करोड़ रुपए की लागत आएगी।इस महत्वपूर्ण मार्ग के लिए भूमि अधिग्रहण की स्वीकृति केंद्र मंत्रालय ने भी दी है और साथ में ही परियोजना इसी साल शुरू हो जाएगी। आपको बता दे की केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने आज हरियाणा के सोहना में इसकी घोषणा कर दी गई हैं। वह दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे के निर्माण कार्यों की समीक्षा के लिए आज हरियाणा और राजस्थान के दौरे पर रहेंगे।
केंद्रीय मंत्री द्वारा बताया कि दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे के दो दिवसीय निरीक्षण कार्यक्रम के अंतर्गत, आज हरियाणा के सोहना में राज्य के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और केंद्रीय राज्यमंत्री राव इंद्रजीत सिंह के साथ एक्सप्रेस-वे का निरीक्षण किया और इस मौके पर उन्होंने कहा, जेवर एयरपोर्ट को फरीदाबाद से जोड़ने के लिए भूमि अधिग्रहण की स्वीकृति केंद्र मंत्रालय ने दे दी है। यह प्रोजेक्ट इसी साल शुरू भी हो जाएगा। साथ ही दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे दुनिया का अपनी तरह का सबसे बड़ा एक्सप्रेसवे हाईवे है। यह देश के लिए अभिमान का विषय है। इस एक्सप्रेसवे का ज्यादा काम पूरा हो चुका है। इसके तैयार होने के बाद लगभग 12-13 घंटे में दिल्ली-मुंबई के बीच की दूरी तय हो जाएगी।
हरियाणा में 6 जगहों पर सड़क किनारे जन-सुविधाएं मिलेंगी। जिससे स्थानीय उत्पादकों को प्राथमिकता दी जाएगी। और साथ ही इसमें हेलीकॉप्टर एंबुलेंस की सेवाएं भी दी जाएंगी। हम इसमें ड्रोन का उपयोग भी करेंगे जो उद्योग और व्यवसाय के लिए उपयोगी होगा।इसमें ईस्टर्न पेरीफेरल रोड़ बनाकर दिल्ली में प्रदूषण कम किया। इसे और कम करने के लिए दिल्ली-एनसीआर में करीब 53,000 करोड़ रुपए की 15 योजनाएं भी बनाई गईं हैं।इनमें से 14 पर काम शुरू हो गया। इनके पूरा होने के बाद दिल्ली के लोगों को ट्रैफिक और प्रदूषण से राहत मिलेगी।
यह एक्सप्रेसवे हरियाणा के फरीदाबाद जिले के बल्लभगढ़ से गुजरता है। बल्लभगढ़ से जेवर एयरपोर्ट की दूरी मात्र 31 किलोमीटर है।केंद्र सरकार की योजना के अनुसार दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे को जेवर एयरपोर्ट से जोड़ा जाएगा। इसमें 24 किलोमीटर का हिस्सा हरियाणा में आता है और 7 किलोमीटर का हिस्सा उत्तर प्रदेश में आता है और इसको लेकर दोनों राज्यों के अफसरों में कई दौर की बातचीत हुई।