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11 रूपये की फीस लेकर हजारों गरीब बच्चों को बना दिया IAS IPS, खुद गरीबी में जीते है जिंदगी

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पढ़ने और पढ़ाने की कोई उमर नहीं होती है। पढ़ाई एक जूनून है। हजारों परीक्षार्थियों के लिए गुरु रहमान किसी भगवान से कम नहीं। आज उनके बहुत से विद्यार्थी क्लास वन की नौकरी के साथ-साथ शिक्षा, चिकित्सा और सेना में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। गरीब विद्यार्थियों के लिए गुरु रहमान देवपुरुष से कम नहीं। रहमान सर ने मात्र 11 गुरु दक्षिणा लेकर बहुत से गरीब प्रतिभावान विद्यार्थियों का भविष्य संवार दिया।

आपका जज्बा ही आपको आपके मुकाम तक पहुंचाता है। आज गुरु रहमान एक सक्सेसफुल कोचिंग संस्थान चलाते हैं। लेकिन उनका समय हमेशा से ऐसा नहीं था। उन्हें भी सामाजिक रूढ़िवादी परंपराओं से लड़ना पड़ा था। दरअसल रहमान को एक हिंदू लड़की अमिता से प्यार हो गया था, दोनों ने अपने माता-पिता की सहमति के बिना ही शादी कर ली।

11 रूपये की फीस लेकर हजारों गरीब बच्चों को बना दिया IAS IPS, खुद गरीबी में जीते है जिंदगी

यह वह दौर था जब हिंदू-मुस्लिम विवाह एक बड़ी समस्या थी। जिसके कारण बने समाज से बेदखल कर दिया गया। डॉक्टर मोतिउर रहमान पढ़ाई में बहुत तेज थे। उन्होंने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में m.a. में टॉप किया था। उनका सपना भी आई पी एस अधिकारी बनाना था। वह कई प्रतियोगिता परीक्षाओं में बैठे, कुछ को पास भी किया। लेकिन धीरे-धीरे हो अध्यापन के क्षेत्र में आ गए।

11 रूपये की फीस लेकर हजारों गरीब बच्चों को बना दिया IAS IPS, खुद गरीबी में जीते है जिंदगी

पिछले साल महामारी के दस्तक के साथ सारी चीजें ठप हो गयी थीं। हर कोई अपने घर में रहने के लिए विवश था। रहमान ने अपने छोटे से कमरे में अपनी कक्षाएं शुरू की जहां बच्चों को फर्श पर बैठकर पढ़ना होता था। धीरे-धीरे उनकी लोकप्रियता बढ़ती गई, आज उनके पास हजारों विद्यार्थी कोचिंग के लिए आते हैं।

11 रूपये की फीस लेकर हजारों गरीब बच्चों को बना दिया IAS IPS, खुद गरीबी में जीते है जिंदगी

इस गुरु ने अपने छात्रों को यूपीएससी, आईएएस, बीपीएससी जैसी विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं के साथ-साथ लिपिक पदों की परीक्षाओं के लिए कोचिंग देना शुरू किया। वह तब सुर्खियों में आए, जब 1994 में बिहार में 4000 सब इंस्पेक्टरों की भर्ती हुई थी। जिनमें से 1100 रहमान की क्लासेस से चयन हुआ था।

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