जब इंसान को न्याय नहीं मिलता है तो वह न्याय पाने के लिए सभी हदें पार कर देता है।ऐसे ही एक जुनूनी युवक की बात कर रहे हैं।जो न्याय पाने के लिए फिरोजपुर झिरका से अंबाला के लिए 21 अक्टूबर को हाथ में तिरंगा और पानी की बोतल लेकर सुबह 7 बजे निकला।वह स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज से मिलने अंबाला जा रहा है।
पीड़ित युवक ने मेडिकल कॉलेज के चिकित्सक अधिकारियों और सीएम विंडो में शिकायत करने के बावजूद भी न्याय नहीं मिला।युवक ने अन्याय के खिलाफ लगभग 300 किलोमीटर की पैदल यात्रा करने की ठानी।आखिरकार वह आज अंबाला पहुंच गया है और अब मंत्री अनिल विज से मिलेगा।
पानीपत पहुंचने पर डालचंद नाहलिया ने बताया कि नूंह जिले के नल्हड़ मेडिकल कॉलेज के प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं होने और कंपनी द्वारा बकाया वेतन नहीं दी जाने परेशान होकर अपने निवास स्थान फिरोजपुर झिरका से न्याय की पैदल यात्रा शुरू की है।
पीड़ित युवक डालचंद ने बताया कि 2017 में नूह मेडिकल कॉलेज में वार्ड बॉय के पद पर कार्य करना शुरू किया था। उन्होंने बताया कि नवंबर 2020 में कंपनी ने मुझे हटा दिया था।
उन्होंने कहा कि ये फ़ार्म ख़त्म होने पर वो अपने मिल के लाइसेंस की सालाना फिस एक हजार से 10-20 हजार देने को तैयार हैं, जिससे उन्हें काग़ज़ी कार्यवाही से मुक्ति मिलेगी, सरकार को राजस्व मिलेगा और इंस्पेक्ट्री राज पर लगाम लगेगी।
हरियाणा ऑयल मिलर्स एसोसिएशन ने कृषि मंत्री के आश्वासन पर खुश होकर आभार जताया है. अब देखना होगा कि ये नियम कब ख़त्म होगा और क्या सभी मिलर्स लाइसेंस फिस 20 गुणा करने पर सहमत होंगे या नहीं।
हम सब को अब देखना है की 300 km पैदल चलकर इस इंसान को मिल पाएगा या नहीं, या फिर मेहनत बर्बाद हो जायेगी और हम सब के लिए भी यह एक सबक की तरह है।