केरल में बारिश का मौसम होने के कारण दोपहिया सवारों द्वारा छाते का इस्तेमाल करने के मामले बढ़ गए हैं। मिश्नर ने केरल के सभी क्षेत्रीय और संयुक्त-क्षेत्रीय परिवहन अधिकारियों को एक पत्र जारी किया है। इस पत्र में कमिश्नर ने दोपहिया वाहन चलाते समय छाता रखने पर प्रतिबंध लगाने के लिए कहा है। परिवहन विभाग का कहना है कि यह सुरक्षा के लिए खतरा है और विभाग ने दोपहिया वाहन चलाते समय छाते का उपयोग करने के खिलाफ चेतावनी जारी की है।
तेज रफ्तार हवाओं और अन्य डिस्ट्रैक्शन के कारण दुर्घटनाएं होती हैं। दूसरों की सुरक्षा के लिए यह कदम उठाया गया है। छाते बाइक या स्कूटर चलाते हुए व्याकुलता पैदा कर सकते हैं।
अब लोग सोच रहे हैं कि बारिश के पानी से बचाव कैसे होगा। नॉन-एयरोडायनामिक डिजाइन के कारण दोपहिया वाहन पर बैठना और उसे संभालना और भी ज्यादा खतरनाक होता है। तेज गति वाली हवाओं के खिलाफ, छाता पैराशूट के समान सिद्धांत पर काम कर सकता है और इसे पकड़े हुए व्यक्ति को अत्यधिक बल से खींच सकता है।
बरसात के मौसम के साथ ही राज्य में तेज रफ्तार हवाएं भी आम हो गई हैं। खुली छतरी और तेज हवा के साथ इसके परिणाम काफी खतरनाक हो सकते हैं। यदि मोटरसाइकिल हवा के विपरीत चल रही है, जो मोटरसाइकिल पर सवार व्यक्ति द्वारा महसूस की जाने वाली हवा की गति बहुत ज्यादा हो जाती है। अगर कोई बाइक हवा की दिशा के विपरीत लगभग 50 किमी/घंटा की रफ्तार से चल रही है और हवा की रफ्तार 30 किमी/घंटा भी है, तो मोटरसाइकिल पर बैठे व्यक्ति को हवा की गति 50 और 30 का कुल योग यानी 80 किमी/घंटा तक महसूस होती है।
ऐसे में अगर कोई व्यक्ति हाथ में छाता लेकर बाइक पर बैठता है तो उसे 80 किमी/घंटा की रफ्तार से चलने वाली हवा आसानी से खींच सकती है और वह दो-पहिया वाहन से असंतुलित होकर नीचे गिर सकता है और यह दुर्घटना उसके लिए काफी गंभीर हो सकती है।