सरकार कोई ना कोई नई योजना बनाती रहती है। ऐसे में सरकार ने एक किसानों के लिए भी योजना बनाने का कार्य किया। जिसमे उन्होंने सोलर ऊर्जा को ध्यान में रखते हुए।इस योजना को किसान को दिमाक में रखते हुए बनाया गया है। अगर आप सोलर ऊर्जा से जुड़ा कोई बिजनेस शुरू करना चाहते हैं तो केंद्र सरकार की पीएम कुसुम योजना आपके लिए एक वरदान साबित हो सकती है।
दरअसल, केंद्र सरकार का लक्ष्य साल 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करना है जिसके लिए सरकार किसानों के लिए कई तरह की योजनाओं की शुरूआत कर रही है। इन्हीं में से एक योजना है पीएम कुसुम योजना।
आपको इस योजना के बारे में बता दे कीइस योजना के तहत किसानों को सब्सिडी पर सोलर पैनल मिलते हैं, जिससे वे बिजली बना सकते हैं। इसके बाद किसान जरूरत भर बिजली का इस्तेमाल करके बाकी को बेच कर अतिरिक्त इनकम कमा सकते हैं।
इस योजना के तहत केंद्र सरकार 20 लाख किसानों को सोलर पंप लगाने में मदद करेगी। 15 लाख किसानों को ग्रिड से जुड़े सोलर पंप लगाने के लिए धन मुहैया कराया जाएगा। इस योजना पर सरकार ने 34,422 करोड़ रुपए के खर्च का ऐलान किया है।
इस योजना के जरिए बिजली या डीजल से चलने वाले सिंचाई पंप को सोलर एनर्जी से चलने वाले पंप में बदला जाएगा।
सोलर पैनल से पैदा होने वाली बिजली का इस्तेमाल किसान पहले अपने सिंचाई के काम में कर सकते हैं। उसके अलावा जो बिजली अतिरिक्त बचेगी, उसे विद्युत वितरण कंपनी को बेचकर 25 साल तक आमदनी कर सकते हैं।
इसका एक और फायदा है कि सौर एनर्जी से डीजल और बिजली के खर्च से भी राहत मिलेगी और प्रदूषण भी कम होगा। सोलर पैनल 25 साल तक चल सकता है और इसका रखरखाव भी आसान है।
इस योजना के तहत किसानों को अपनी जमीन पर सोलर पैनल स्थापित करने के लिए केवल 10 फीसदी रकम का भुगतान करना होगा। केंद्र और राज्य सरकारें किसानों को बैंक खाते में 60 फीसदी सब्सिडी की रकम देती है।
इस योजना में केंद्र और राज्यों की ओर से बराबर का योगदान देने का प्रावधान है। वहीं बैंक की ओर से 30 फीसदी लोन का प्रावधान है। इस लोन को किसान अपनी होने वाली आमदनी से आसानी से भर सकते हैं।
इस योजना से किसानों को सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि उन्हें सिंचाई के लिए फ्री बिजली मिलेगी। इस योजना से किसानों की डीजल और केरोसिन तेल पर निर्भरता घटेगी।
दूसरा फायदा यह है कि इससे पैदा होने वाली अतिरिक्त बिजली को किसान किसी कंपनी को बेच सकते हैं। इस योजना से किसान सौर ऊर्जा उत्पादन करने और उसे ग्रिड को बेचने में सक्षम होंगे। यानी एक तरह से कहा जाए तो किसान अपनी आय को दोगुनी कर सकते हैं।