पटना की विशेष एनआईए अदालत ने उन नौ लोगों में से चार को मौत की सजा सुनाई, जिन्हें 2013 में गांधी मैदान में बम विस्फोट करने का दोषी ठहराया गया था। नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता दिन पर दिन तेज रफ्तार से बढ़ती जा रही है। देश हो या विदेश, सभी जगह उनकी प्रसिद्धि है। नरेंद्र मोदी जी हमारे 15वें प्रधानमंत्री हैं।
यह धमाका तत्कालीन राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी की हुंकार रैली के दौरान हुआ था। इस घटना ने पूरे बिहार को हिला कर रख दिया था। साल 2014 और फिर 2019 के आम चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के साथ मिलकर मोदी जी ने ऐतिहासिक जीत हासिल की है। पूरे देश में मोदी लहर आ गई है और सभी लोगों को मोदी जी पर पूरा विश्वास है कि वह उन्हें उज्जवल भविष्य देंगे।
नरेंद्र मोदी के पटना पहुंचने के पहले ही आतंकियों ने बीजेपी समर्थकों से खचाखच भरे गांधी मैदान में सीरियल ब्लास्ट किए, जिसमें 6 लोगों की जान चली गई थी। जिस प्रकार से नरेंद्र मोदी जी की लोकप्रियता दिन पर दिन बढ़ती जा रही है उसी रफ्तार से उन पर आतंकवादी हमले का खतरा भी बढ़ता हुआ नजर आ रहा है। बता दें कि मोदी जी पर आतंकवादियों के हमले की साजिश को लेकर गृह मंत्रालय भी कई बार अलर्ट जारी कर चुका है।
पटना के गांधी मैदान सीरियल ब्लास्ट में आतंकवादियों का निशाना नरेंद्र मोदी जी थे। वह उन्हें मानव बम से उड़ाने की योजना में थे। इन धमाकों से पहले पटना जंक्शन के टॉयलेट में भी विस्फोट हुआ था। दरअसल जंक्शन के शौचालय में मानव बम बन रहे एक आतंकी की गलती की वजह से शरीर में बांधते वक्त ही बम फट गया।
लगातार धमाकों के बावजूद नरेंद्र मोदी ने रैली को संबोधित किया था। ये बात साल 2013 की है। इस वर्ष में पटना के गांधी मैदान में भाजपा की हुंकार रैली में सिलसिलेवार बम ब्लास्ट हुए थे। जिस वक्त ब्लास्ट हुआ था, उस वक्त तत्कालीन एनडीए के पीएम उम्मीदवार नरेंद्र मोदी जी अपना भाषण दे रहे थे। इस मामले में 27 अक्टूबर को पटना की NIA कोर्ट ने 10 में से 9 आरोपियों को दोषी ठहराया। वहीं एक आरोपी के खिलाफ सबूत नहीं मिले, जिसकी वजह से वह बरी हो गया।