सबने मिलकर बनाएं , अपने लोगों की दिवाली

0
248

यह उम्मीदाें की दिवाली है। इस बार मिट्टी के दीयाें की खरीदारी बढ़ी है और चाइनीज इलेक्ट्रॉनिक लड़ी व माेमबत्तियाें की बिक्री काम हाे गया है। यह सब समय के साथ बदली लाेगाें की मानसिकता के कारण संभव हाे पाया है।

सबने मिलकर बनाएं , अपने लोगों की दिवाली

साथ ही बता दें कि लोगों की उम्मीदें पूरी करने के लिए शहर में अच्छी बिक्री की उम्मीदें लेकर गांव से मिट्टी के लिए खिलौने लेकर ,कई ग्रामीण आए हैं।साथ ही करीब 25 जगह पर अपनी दुकान से जारी है। लोगों के दिमाग में यह सोच अपनी जगह बना चुकी है की लड़ियां जलाने से घर तो जगमगाता है, लेकिन उनका कोई विशेष फायदा नहीं होता क्योंकि वह जल्द ही खराब हो जाती है।

सबने मिलकर बनाएं , अपने लोगों की दिवाली

साथी वातावरण शुद्ध करना है तो घर में सरसो के तेल या घी के दिए ही जलाने होंगे इससे ही हमारे आसपास का वातावरण शुद्ध होगा और हमारे बच्चों को भी बीमारियों से राहत मिलेगी।

सबने मिलकर बनाएं , अपने लोगों की दिवाली

इसलिए इस बार चाइनीस लाइटों और मोमबत्तियां की जगह लोग मिट्टी के दिए कुछ ज्यादा खरीद रहे हैं और अपने घर छोटे-छोटे मिट्टी के दीयों से सजा कर घर जगमग आ रहे हैं।आपको बता दें कि इस बार मशीनों से तैयार होकर डिजाइनर दिए भी मार्केट में बिक रहे हैं और साथ ही लोग भी इन्हें काफी संख्या में खरीद रहे हैं।

सबने मिलकर बनाएं , अपने लोगों की दिवाली

बता दे कि सेक्टर 9 के दिए वाले ने हमें यह जानकारी दी कि वह पूरे साल डिजाइनर दिए की तैयारी शुरू कर देते हैं। और दिवाली पास आने पर डिज़ाइनर दिए बेचते हैं। साथ ही बहुत दूर से वह कच्ची मिट्टी लाते हैं, फिर उन्हें भट्टी पर पकाते हैं।