किसी भी महिला के लिए वह समय काफी कठिन होता है जब उसके पति की मृत्यु हो जाती है।किसी महिला का पति इस दुनिया से चल बसे तो लोग उस महिला को लाचार समझने लगते हैं। लोगों की नजर में एक महिला कमजोर होती है। जब किसी महिला का पति गुज़रता है तो लोग सोचते हैं कि महिला अब अपने परिवार का पालन सही से नहीं कर सकती।
महिलाएं अब काफी सशक्त हो गयी हैं। महिलाएं कुछ भी कर सकती हैं। खेती किसानी की हो फिर तो महिला को इस क्षेत्र में शून्य माना जाता है। समाज की इस सोच को गलत साबित किया है महाराष्ट्र की रहने वाली संगीता पिंगल ने।
उन्होनें महिलायों के लिए एक मिसाल पेश की है। महिलाएं कुछ भी कर सकती हैं। उनका कहना है कि वह उन सभी लोगों को गलत साबित करना चाहती थीं जो मानते हैं कि एक महिला खेती नहीं कर सकती।
उन्होंने ऐसा कर के भी दिखाया। आज उनके काम को दुनिया में रही है। संगीता को अपने जीवन में एक बाद एक आए संकटों का सामना करना पड़ा। 2004 में उन्होंने जन्म संबंधी जटिलताओं के कारण अपना दूसरा बच्चा खो दिया। साल 2007 में इनके पति एक सड़क हादसे में इस दुनिया को अलविदा कह गए।
इतना सब होने के बावजूद उन्होंने हिम्मत नहीं हारी। वह काम करती रहीं। जब उनके पति की मृत्यु हुई तो उन दिनों संगीता 9 महीने की गर्भवती थीं। संगीता का परिवार खेती से चलता था। पति के देहांत के बाद उनके 13 एकड़ जमीन पर उनके ससुर खेती किया करते थे लेकिन पति के जाने के कुछ सालों बाद इनके ससुर भी इस दुनिया से चल बसे।
अपनी जमीनों की देखभाल का जिम्मा उन्होंनें उठाया। उनके पास खेती ही वो माध्यम था जिससे उनका परिवार चल सकता था। सभी रिश्तेदार अलग हो गए थे क्योंकि उनका मानना था कि एक औरत अकेले खेती नहीं कर पाएगी।
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