यमुना नदी में अमोनिया की मात्रा कम होने से दिल्ली में पेयजल समस्या खत्म हो गई है लेकिन छत पर से पहले हर तरफ फैले जहरीले झाग सेवर तीनों पर संकट गहरा गया है धार्मिक आस्था के कारण झाग से यदि नदी में उतरना व्यक्तियों की मजबूरी है सोमवार को आईटीओ से कालिंदी कुंज के बीच घाटों पर वृति नदी में स्नान कर बाहर निकले तो उनके शरीर पर झाग की चादर थी।
उधर दिल्ली जल बोर्ड के उपाध्यक्ष राघव चड्ढा ने आरोप लगाया कि उत्तर प्रदेश और हरियाणा यमुना नदी को गंदा कर रहे हैं उन्होंने दोनों राज्यों में से यमुना में जहरीले रसायन डालने से रोकने के लिए कार्य प्रणाली में सुधार करने का आग्रह किया है।
नहाए खाए के साथ छठ पर्व की शुरुआत के सिलसिले में पूर्वांचल यमुना नदी स्थित वजीराबाद यमुना बाजार आईटीओ कलंदी कुंज आदि घाटों पर आस्था की डुबकी लगाने पहुंचे लेकिन अधिकतर घाटों पर झाग पसरी थी।
इसके बावजूद वह नदी में उतरे और पूजा की। जल बोर्ड के उपाध्यक्ष राघव चड्ढा ने कहा कि दिल्ली जल बोर्ड अनुपचारित गंदा पानी को जमुना नदी में जाने से रोकने के लिए एसटीपी की क्षमता बढ़ाने पर लगातार काम करा रहा है
यही कारण है कि उत्तर प्रदेश की सिंचाई विभाग की लापरवाही के कारण यमुना नदी में झाग बन रहे हैं ओखला बैराज उत्तर प्रदेश सरकार के सिंचाई विभाग के अधीन आता है उसके ढुलमुल रवैया के कारण जलकुंभी उग आती है और इनके सड़ने पर पोस्टपेड जैसे सर्फेक्टेंट छोड़ते हैं।
जब यह पानी कालिंदी कुंज में ऊंचाई से गिरता है तो झाग बनते हैं। इसके अलावा उत्तर प्रदेश के मेरठ, मुजफ्फरनगर, शामली और सहारनपुर में संचालित कागज और चीनी उद्योग भी सर्फेक्टेंट युक्त गंदे पानी को ओखला बैराज में हिंडन नहर के माध्यम से छोड़ते हैं।
शांति व सद्भाव के महापर्व छठ पर दिल्ली की सियासत गरमा गई है। यमुना घाट पर छठ पूजन की अनुमति नहीं मिलने से भाजपा सांसदों ने सोमवार को दिल्ली सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया उधर दिल्ली सरकार का कहना है कि हरियाणा और उत्तर प्रदेश से प्रदूषित पानी आने की वजह से यमुना में झाग दिख रहे हैं वही
आपको बता दें कि दिल्ली सरकार ने छठ पूजा पर अलग-अलग जगहों पर 800 अस्थाई घाटों का निर्माण करवा रही है यहां टेंट, लाइट पीने के पानी साफ सफाई व सुरक्षा के समुचित इंतजाम होंगे।