दिन प्रतिदिन प्रदूषण बढ़ता ही जा रहा है।जिसकी वजह से लोगों को काफी परेशानी का सामना करना
पड़ रहा है। वही लोग सांस लेने में दिक्कत आ रही है, वहीं कुछ लोगों की आंख में जलन हो रही है। वही बढ़ते प्रदूषण को मध्य नजर रखते हुए,चीफ जस्टिस की अगुवाई वाली बेंच की अगुवाई में प्रदूषण मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में अहम सुनवाई भी शुरू हो चुकी है। वही सॉलिसिटर जनरल द्वारा पराली हटाने वाली मशीन का ब्यौरा भी पेश किया है।
वही आपको बता दें कि इसी दौरान मुख्य न्यायाधीश ने सरकार से पूछा कि अपने हालात पर काबू करने के लिए क्या किया जाए? जब इसका उत्तर सामने आया तो , सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि पराली जलाने के कारण प्रदूषण बढ़ा है जिसे रोकने के लिए कदम उठाए जाए।
वही सुप्रीम कोर्ट ने एनसीआर और दिल्ली में हो रही गंभीर प्रदूषण को गंभीरता से लिया साथ ही कहा कि आवश्यक हो तो वाहन, पटाखे, धूल से होने वाले प्रदूषण को रोकने के लिए 2 दिन का लॉक किया जाए,साथ ही 2 दिन का लॉकडाउन भी घोषित कर दिया। वही कोर्ट ने भी साफ साफ कह दिया कि प्रदूषण के मुद्दे को राजनीति और सरकार से देखना होगा। क्योंकि अगर ऐसा नहीं हुआ तो शायद आगे आने वाले कुछ और दिन भक्तर हो जाए इसलिए हालात को ठीक करने के लिए दो दिन का लॉकडाउन आवश्यक है।https://twitter.com/ANI/status/1459401648690786304?ref_src=twsrc%5Etfw%7Ctwcamp%5Etweetembed%7Ctwterm%5E1459401648690786304%7Ctwgr%5E%7Ctwcon%5Es1_c10&ref_url=https%3A%2F%2Fwww.timesnowhindi.com%2Findia%2Farticle%2Fsupreme-court-to-centre-on-delhi-air-pollution-declare-two-day-lockdown-if-need-be%2F372385
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से कहा कि दिल्ली में वायु गुणवत्ता ‘गंभीर’ श्रेणी में है साथ ही अगले 2 से 3 दिनों में यह और कम हो जाएगी। जल्दी से जल्दी आपातकालीन निर्णय लें। साथ ही कोर्ट ने कहा कि हम बाद में दीर्घकालिक समाधान देखेंगे। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार से पूछा कि स्मॉग टावर और उत्सर्जन नियंत्रण परियोजनाओं को स्थापित करने के उसके फैसले का क्या हुआ। कोर्ट ने सख्त लहजे में सवाल करते हुए कहा, “अब किसानों को कोसना एक फैशन बन गया है” चाहे वह दिल्ली सरकार हो या कोई और।
पटाखों पर बैन था, उसका क्या हुआ? साथ ही आपने राष्ट्रीय राजधानी में सभी स्कूल खोल दिए हैं और अब बच्चे प्रदूषण के संपर्क में हैं। यह केंद्र का नहीं बल्कि आपका अधिकार क्षेत्र है। उस मोर्चे पर क्या हो रहा है? पराली समस्या का हिस्सा हो सकती है लेकिन एकमात्र कारण नहीं हैं।
CJI की अगुवाई वाली बेंच ने कहा, ‘हमें बताएं कि हम एक्यूआई को 500 से कम से कम 200 अंक कैसे कम कर सकते हैं। कुछ जरूरी उपाय करें। क्या आप दो दिनों के लॉकडाउन या कुछ और के बारे में सोच सकते हैं? लोग कैसे रह सकते हैं?’ अदालत ने केंद्र से कहा, ‘हम चाहते हैं कि तत्काल कदम उठाए जाएं और दो-तीन दिनों में प्रदूषण कम हो जाए। वरना लोग अपने घरों में भी मास्क पहनने को मजबूर हैं।
साथ ही कोर्ट का कहना हैं की, पराली के निपटान के लिए दो लाख मशीनें उपलब्ध हैं और बाजार में ऐसी 2-3 मशीनें हैं। मगर किसान उनका खर्च नहीं उठा सकते। अदालत ने पूछा कि क्या केंद्र या राज्य की सरकारें किसानों के लिए ये मशीनें खरीद सकती हैं? या पराली का निदान कर सकती हैं।
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