प्रदूषण के लिए अकेले पराली नहीं है जिम्मेदार, दिल्ली एनसीआर में घुटा लोगों का दम

फरीदाबाद से लेकर दिल्ली तक इस समय जहर घुला हुआ है।साल की तरह इस बार भी वायु प्रदूषण ने दिल्ली की सांसों को फुला दिया है। सरकारों और कोर्ट के सख्त आदेशों के बाद भी दिल्ली को जहरीली हवा से मुक्ति नहीं मिल सकी। आम तौर पर दिल्ली में छाने वाले इस स्मॉग के लिए हरियाणा और पंजाब में जलाई जाने वाली पराली को सबसे अहम कारण माना जाता है।

हालांकि इस प्रदूषण में वाहनों से निकलने वाले धुएं, इंडस्ट्रियल प्रदूषण, पटाखें और डस्ट प्रदूषण शामिल है। लेकिन जब दिल्ली का दम घुटने लगता है तो सब इसका दोष धान की पराली पर मढ़ देते हैं।

प्रदूषण के लिए अकेले पराली नहीं है जिम्मेदार, दिल्ली एनसीआर में घुटा लोगों का दम

पराली का धुंआ दिल्ली के लिए आफत बन गया पंजाब में पराली को जलाना नया नहीं है। पंजाब के किसान दशकों से धान की फसल काटने के बाद पराली जलाते रहे हैं।

लेकिन पिछले एक दशक में ऐसा क्या हुआ कि, ये पराली का धुंआ दिल्ली के लिए आफत बन गया।।अगर ये कहूं कि,दिल्ली की दम घोंटने में अमेरिका की एक संस्था का हाथ है तो आप इसे मानेंगे? जी हां एक संस्था के सुझावों के चलते पंजाब सरकार द्वारा किए गए कुछ बदलावों के चलते इस प्रदूषण का शिकार दिल्ली एनसीआर हो गया।

इस नए कानून के आने के बाद फसल की बुवाई मध्य जून से ही शुरू हो सकती थी। धान की फसल को तैयार होने में आम तौर पर 4 महीने का समय लगता है। ऐसे में जब बुबाई लेट हुई तो धान की कटाई जो सितंबर औऱ अक्टूबर के पहले सप्ताह में हो चुकती थी, वह बढ़कर अक्टूबर के अंतिम सप्ताह और नवंबर के शुरुआत में पहुंच गई। इस वक्त हवा की दिशा बदल जाती है।सितंबर में हवा का रुख दिल्ली की ओर नहीं होता है।

तमिलनाडु पर मंडरा रहा चक्रवात का खतरा, केरल में बारिश के चलते कई इलाकों में यलो अलर्टतमिलनाडु पर मंडरा रहा चक्रवात का खतरा, केरल में बारिश के चलते कई इलाकों में यलो अलर्ट

अक्टूबर के आते हवा की दिशा दिल्ली की ओर हो जाती है
अक्टूबर के आते हवा की दिशा दिल्ली की ओर हो जाती है
लेकिन अक्टूबर के आते हवा की दिशा अमूमन नॉर्थ-वेस्टरली (उत्तर पश्चिमी) हो जाती है।

मतलब हवा उत्तर यानि पंजाब से दिल्ली की ओर बहनी शुरू हो जाती है। जो अपने साथ पंजाब में जलने वाली पराली के धुएं को अपने साथ लेकर दिल्ली तक पहुंच जाती है। जिसके चलते दिल्ली जहरीले धुंए के आगोश में समा जाती है। यहीं नहीं पंजाब प्रिजर्वेशन ऑफ सबसॉयल एक्ट, 2009 के बाद धान की फसल कटने और गेंहू की बुवाई का अंतर मात्र 15-20 का रह जाता है।

धान की कटाई और गेहूं की बुवाई के बीच का समय घटा
धान की कटाई और गेहूं की बुवाई के बीच का समय घटा
किसान को जल्दी-जल्दी में अगले सीजन की गेहूं वगैरह की बुवाई करनी होती है।

धान की कटाई और गेहूं की बुवाई के बीच का समय घटने के वजह से किसान के पास पराली से निपटने का समय नहीं बचता है और उन्हें इसे खेत में ही जलाना पड़ता है। पहले पराली सर्दी के मौसम के शुरू होने से पहले जल जाती थी, हवा की बहने की दिशा के चलते धुंआ दिल्ली नहीं पहुंच पाता था, लेकिन अब पंजाब में सर्दी शुरू होने के साथ ही पराली जलती है, तब तक हवा रुख दिल्ली की और हो चुका होता है।

यूएसएड का कहना था कि, धान में की बुबाई में भूमिगत जल का उपयोग करने से जमीन के अंदर के जल में भारी कमी हो गई। इसलिए पंजाब में धान के बुबाई के समय को आगे बढ़ाया जाना चाहिए। जिससे भूमिगत जल का दोहन रुक जाएगा।

तत्कालीन पंजाब सरकार ने संस्था की बात मानकर 2009 में पंजाब भूमिगत जल संरक्षण अधिनियम, 2009 लागू कर दिया। इस कानून के अनुसार पंजाब के किसानों को हर साल 10 मई से पहले धान की बुवाई करने से मना किया है। ऐसा ही कानून हरियाणा सरकार ने पास किया। दोनों राज्य सरकारों ने यह फैसला तेजी से गिरते भू-जल स्तर के मद्देनजर लिया था।

किसान को जल्दी-जल्दी में अगले सीजन की गेहूं वगैरह की बुवाई करनी होती है। धान की कटाई और गेहूं की बुवाई के बीच का समय घटने के वजह से किसान के पास पराली से निपटने का समय नहीं बचता है और उन्हें इसे खेत में ही जलाना पड़ता है।

पहले पराली सर्दी के मौसम के शुरू होने से पहले जल जाती थी, हवा की बहने की दिशा के चलते धुंआ दिल्ली नहीं पहुंच पाता था, लेकिन अब पंजाब में सर्दी शुरू होने के साथ ही पराली जलती है, तब तक हवा रुख दिल्ली की और हो चुका होता है।

PEHCHAN FARIDABAD

Recent Posts

भाजपा के जुमले इस चुनाव में नहीं चल रहे हैं: NIT विधानसभा-86 के विधायक नीरज शर्मा

एनआईटी विधानसभा-86 के विधायक नीरज शर्मा ने बताया कि फरीदाबाद लोकसभा सीट से पूर्व मंत्री…

5 days ago

मैं किसी बेटी का अपमान बर्दाश्त नहीं कर सकती – रेणु भाटिया (हरियाणा महिला आयोग की Chairperson)

मैं किसी बेटी का अपमान बर्दाश्त नहीं कर सकती। इसके लिए मैं कुछ भी कर…

2 months ago

नृत्य मेरे लिए पूजा के योग्य है: कशीना

एक शिक्षक के रूप में होने और MRIS 14( मानव रचना इंटरनेशनल स्कूल सेक्टर 14)…

2 months ago

महारानी की प्राण प्रतिष्ठा दिवस पर रक्तदान कर बनें पुण्य के भागी : भारत अरोड़ा

श्री महारानी वैष्णव देवी मंदिर संस्थान द्वारा महारानी की प्राण प्रतिष्ठा दिवस के उपलक्ष्य में…

2 months ago

पुलिस का दुरूपयोग कर रही है भाजपा सरकार-विधायक नीरज शर्मा

आज दिनांक 26 फरवरी को एनआईटी फरीदाबाद से विधायक नीरज शर्मा ने बहादुरगढ में दिन…

3 months ago