Homeइस जंगल में आकर खुदकुशी कर लेते हैं लोग, पेड़ों पर लटकी...

इस जंगल में आकर खुदकुशी कर लेते हैं लोग, पेड़ों पर लटकी लाशें देखकर निकल जाती है लोगों की चीख

Published on

यह दुनिया काफी बड़ी है। काफी कुछ छुपा है इस दुनिया में। दुनिया अनगिनत रहस्यों से भरी हुई है। ज्यादातर के बारे में इंसानों तो क्या वैज्ञानिक भी पता नहीं लगा पाए। आज हम आपके एक ऐसे ही रहस्य के बारे में बताने जा रहे हैं जो एक जंगल से जुड़ा हुआ है। ये जंगल जापान में स्थित है। इस जंगल के बारे में कहा जाता है कि लोग यहां आकर आत्महत्या कर लेते हैं।

नाम से जितना डराने वाला है यह उससे भी अधिक देखने में डराता है यह जंगल। इसीलिए इस जंगल को ‘सुसाइड फॉरेस्ट’ यानी आत्महत्या करने वाले जंगल के नाम से जाना जाता है।

इस जंगल में आकर खुदकुशी कर लेते हैं लोग, पेड़ों पर लटकी लाशें देखकर निकल जाती है लोगों की चीख

लोग अगर इसके पास से गुजरते हैं तो डरते हैं। उन्हें कंपन शुरू हो जाती है। यह हरा-भरा और सुंदर दिखने वाला जंगल मॉर्निंग वॉक के लिए नहीं बल्कि अपनी डरावनी कहानियों के प्रसिद्ध है। बताया जाता है कि इस जंगल में तमाम लोगों ने खुदकुशी कर ली। इसके अलावा इस जंगल को लेकर लोगों में कई तरह की मान्यताएं भी हैं।

Aokigahara Forest Japan: Where people commits suicide, Know the mystery of  this forest | Ajab Gajab News in Hindi | इस जंगल में आकर खुदकुशी कर लेते  हैं लोग, पेड़ों पर लटकी

कई लोग इस जंगल को पूजते भी हैं। लोगों का मानना है कि इस जगह पर भूतों का वास है, जो लोगों को आत्महत्या करने पर मजबूर करते हैं। ये जंगल दुनिया के सबसे पॉप्युलर सुसाइड प्लेसेज में दूसरे नंबर पर है। ये जंगल जापान की राजधानी टोक्यो से कुछ ही घंटे की दूरी पर स्थित है। जैसा ही ऑकिगहरा जंगल में प्रवेश करेंगे तो आपको चेतावनियां पढ़ने को मिलेंगी।

Leopard climbed a tree to hunt Baboons, see in the video how the hunter ran  to save his life | Viral News News in Hindi | लंगूरों का शिकार करने के लिए

यह ऐसी चेतावनियां होती हैं जिन्हें पढ़कर रूह कांप उठती है।जैसे कि ‘अपने बच्चों और परिवार के बारे में ध्यान से सोचें’, ‘आपका जीवन आपके माता-पिता द्वारा दिया हुआ कीमती तोहफा है’। ये जंगल जापान के टोक्यो से 2 घंटे की दूरी पर स्थित माउंट फूजी के नॉर्थवेस्ट में स्थित है और 35 स्क्वेयर किमी के बड़े एरिया में फैला हुआ है। इतना ही नहीं ये जंगल इतना घना है कि इसे पेड़ों का सागर भी कहते हैं।

Latest articles

मैं किसी बेटी का अपमान बर्दाश्त नहीं कर सकती – रेणु भाटिया (हरियाणा महिला आयोग की Chairperson)

मैं किसी बेटी का अपमान बर्दाश्त नहीं कर सकती। इसके लिए मैं कुछ भी...

नृत्य मेरे लिए पूजा के योग्य है: कशीना

एक शिक्षक के रूप में होने और MRIS 14( मानव रचना इंटरनेशनल स्कूल सेक्टर...

महारानी की प्राण प्रतिष्ठा दिवस पर रक्तदान कर बनें पुण्य के भागी : भारत अरोड़ा

श्री महारानी वैष्णव देवी मंदिर संस्थान द्वारा महारानी की प्राण प्रतिष्ठा दिवस के...

More like this

मैं किसी बेटी का अपमान बर्दाश्त नहीं कर सकती – रेणु भाटिया (हरियाणा महिला आयोग की Chairperson)

मैं किसी बेटी का अपमान बर्दाश्त नहीं कर सकती। इसके लिए मैं कुछ भी...

नृत्य मेरे लिए पूजा के योग्य है: कशीना

एक शिक्षक के रूप में होने और MRIS 14( मानव रचना इंटरनेशनल स्कूल सेक्टर...