चार्मवुड स्थित मानव रचना इंटरनेशनल स्कूल में सस्टेनेबल कम्युनिटी लिविंग पर वर्कशॉप का आयोजन किया गया। इस वर्कशॉप में अपशिष्ट प्रबंधन, माइक्रोग्रीन्स, पैनल डिस्कशन, वेस्ट सेग्रेगेशन समेत कई मुद्दों पर चर्चा की गई।
सस्टेनेबल लाइफस्टाइल प्रमोटर अपर्णा काले ने कार्यशाला में सिखाया कैसे घर पर ही माइक्रोग्रीन्स उगाएं। इसके अलावा इको क्लब फरीदाबाद ने होम कम्पोस्टिंग और अपशिष्ट प्रबंधन पर शिक्षित किया। उनके द्वारा सूखे, गीले और खतरनाक कचरे की पहचान और उन्हें अलग-अलग करने पर एक लाइव उदाहरण दिया गया। उन्होंने सूखे पत्तों की खाद बनाने और सौर पैनल स्थापित करने में सामूहिक सामुदायिक प्रयास के अपने अनुभव को साझा किया।
दक्ष फाउंडेशन के अंकुर शरण द्वारा स्कूली छात्रों के लिए पानी और बिजली बचाने, कैलिग्राफी, जानवरों को खिलाने और गैजेट्स पर निर्भरता कम करने के लिए पढ़ने और लिखने के महत्व पर एक समानांतर कार्यशाला आयोजित की गई थी।
इस वर्कशॉप में मानव रचना के डीजी डॉ. एनसी वाधवा, ट्रस्टी डॉ. एमएम कथूरिया, डॉ सुचित्रा भट्टाचार्य (प्रिंसिपल, एमआरआईएस चार्मवुड), अरुण मलिक कार्यकारी निदेशक इंडिया हब, क्वेस्ट, डॉ कविता मलिक, निदेशक, लर्निंग इंस्टीट्यूट फॉर स्टाइल एंड आर्ट्स, अरुण गुप्ता (संयोजक, पौधा बैंक), इको-क्लब के सदस्यों, स्कूली छात्र, शिक्षक, सेक्टर-21 वार्ड पार्षद जीतेंद्र भड़ाना, सेक्टर 18 के वार्ड पार्षद रतन लाल, एमसीएफ मास्टर ट्रेनर प्रियंका गुप्ता और आरडब्ल्यूए प्रतिनिधियों समेत 120 लोगों ने हिस्सा लिया।