एनआईटी-3 ईएसआई मेडिकल कॉलेज में मरीजों को परेशानियों का सामना कम होने का नाम नहीं ले रही है कॉलेज प्रबंधन द्वारा मरीजों की सहायता के लिए शुरू की गई ऑनलाइन व्यवस्था के झमेले में मरीज फस कर रह गए हैं मरीजों को डॉक्टर और दवाई वितरण केंद्र के बीच चक्कर काटने पड़ रहे हैं जिससे मरीज काफी परेशान हैं।
ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज एप्स अस्पताल में फरीदाबाद समेत पलवल होटल हथीन सोनीपत ग्राम रेवाड़ी आदि जिलों से रोजाना हजारों मरीज इलाज कराने पहुंचते हैं।
पहले डॉक्टर द्वारा दवाइयों की पर्ची बनाई जाती थी पर्ची दिखाकर मरीज को दवाइयां मिल जाती थी लेकिन आप कई दिनों से ऐसा कुछ नहीं हो रहा है बल्कि लोगों को ऑनलाइन सभी कार्य करने पड़ रहे हैं ऐसे में जो पढ़े लिखे लोग है वह तो कर ही लेते हैं लेकिन जो पढ़ाई लिखाई नहीं कर सकते उनके लिए काम बहुत मुश्किल होता जा रहा है।
कॉलेज प्रबंधन द्वारा 11 माह पहले मरीजों को बेहतर सेवाएं उपलब्ध कराने के उद्देश्य से धन मंत्री योजना के तहत पंजीकरण से लेकर डॉक्टरों को दिखाने और दवाइयां वितरण तक की व्यवस्था को ऑनलाइन किया गया था।
जिसमें दवाइयों की चोरी रुक सके और मरीजों को डॉक्टरी जांच के बाद तुरंत दवाइयां मिल सके उससे ज्यादा देर लाइन में नाक लगना पड़े इस व्यवस्था को शुरू किए करीब एक साल होने को है लेकिन समस्या जैसी की तैसी बनी हुई है।
डॉक्टर द्वारा मरीज की जांच के बाद पर्ची देने के बजाय दवाइयों को ऑनलाइन कर दिया जाता है दवाई वितरण केंद्र पर जाकर मरीजों को फिर से आधे आधे घंटे लाइन में लगकर अपनी बारी का इंतजार करना पड़ता है।
दवाई न मिलने पर मरीज डॉक्टर के पास जाकर पर्ची बनाने की मांग करते हैं ऐसे में डॉक्टरों को कई मरीजों की पर्चियां बनाकर देनी पड़ती है इस पूरी प्रक्रिया में जांच से लेकर दवाइयां लेने तक आधे घंटे के काम में मरीजों को 3 से 4 घंटे अस्पताल में गुजारने पड़ते हैं।