Categories: Government

हरियाणा में अब नहीं होगा कोई भी सरकारी घोटाला, CCTV से रहेगी 24 घंटे नजर

हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल के निर्देश पर प्रदेश के 22 जिला मुख्यालयों और 2 राज्य मुख्यालयों (हरियाणा सिविल सचिवालय और हरियाणा नया सचिवालय,चंडीगढ़) में आधुनिक राजस्व रिकॉर्ड रूम (MRRR) स्थापित किए गए हैं। मुख्यमंत्री ने यह पहल डिजिलाजेशन के दौर को देखते हुए की है। पहले चरण में लगभग 18.50 करोड़ रुपये के राजस्व रिकॉर्ड को डिजिटलाइज किया गया है।

एक सरकारी प्रवक्ता ने इस संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि मौजूदा समय में राजस्व रिकॉर्ड को फाइलों में रखा जाता है, जिसकी संख्या दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है।

हरियाणा में अब नहीं होगा कोई भी सरकारी घोटाला, CCTV से रहेगी 24 घंटे नजरहरियाणा में अब नहीं होगा कोई भी सरकारी घोटाला, CCTV से रहेगी 24 घंटे नजर

रिकॉर्ड रूम के रखरखाव और पुराने रिकॉर्ड से दस्तावेज निकालने में भी काफी समय लगता है। इसके अलावा इस राजस्व रिकॉर्ड को रैफरेंस के तौर भी इस्तेमाल करना पड़ता है। आम लोगों को भी इस रिकॉर्ड को निकलवाने के लिए तहसील कार्यालयों/पटवारियों के यहां जाना पड़ता है।

इस राजस्व रिकॉर्ड के चोरी होने, आग से नष्ट होने, दीमक आदि से क्षतिग्रस्त होने व शरारती तत्वों द्वारा हेराफेरी या छेड़छाड़ करने की संभावना भी रहती है। इन्हीं समस्याओं के मद्देनजर मुख्यमंत्री मनोहर लाल के निर्देश पर आधुनिक राजस्व रिकॉर्ड रूम स्थापित किए गए हैं और इस रिकॉर्ड को डिजिटलाइज किया गया है।  

प्रवक्ता ने बताया कि रिकॉर्ड को डिजिटलाइज करने से इसे फाइलों की अपेक्षा लंबे समय तक संरक्षित रखा जा सकेगा। कानूनी आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए इलेक्ट्रॉनिक रूप से पुराने रिकॉर्ड को स्कैन और डिजिटाइज करने के बाद ऑनलाइन उपलब्ध कराकर रिकॉर्ड रूम के स्थान को कम करने का निर्णय लिया गया है। मॉडर्न राजस्व रिकॉर्ड रूम में न केवल रिकॉर्ड का भौतिक भंडारण शामिल होगा बल्कि रिकॉर्ड की कैटलॉगिंग, इंडेक्सिंग के लिए कंप्यूटराइज सिस्टम भी होगा।

बायोमेट्रिक मशीनों से होगी रिकॉर्ड रूम में एंट्री

प्रवक्ता ने बताया कि आधुनिक राजस्व रिकॉर्ड रूम में फाइलों को कंप्यूटरीकृत वातावरण में बार कोड तकनीक की सहायता से विशेष रूप से निर्मित कस्टमाइज्ड हैवी ड्यूटी रैक्स में रखा जाएगा। आग जैसी किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए पाउडर बेस अग्निशामक, सीसीटीवी कैमरे और स्मोक डिटेक्टर आदि का इस्तेमाल किया गया है। रिकॉर्ड की सुरक्षा के लिए बायोमेट्रिक्स मशीनों को लगाया गया है ऐसे में केवल अधिकृत व्यक्ति ही आधुनिक राजस्व रिकॉर्ड रूम में प्रवेश कर सकेगा।

जिला मुख्यालयों से लेकर पटवार खाना तक का रिकॉर्ड होगा डिजिटल

प्रवक्ता ने बताया कि हरियाणा के राजस्व और आपदा प्रबंधन विभाग ने जमाबंदी, म्यूटेशन, मिसल हकीयत, रजिस्टर्ड डीड, फील्ड बुक्स, मुसावीयस, रिवेन्यू कोर्ट केस मामलों के निर्णय, जमीनों के नक्शे आदि के रिकॉर्ड को आधुनिक राजस्व रिकॉर्ड रूम में स्कैनिंग और डिजिटलीकरण करने का निर्णय लिया है। इस रिकॉर्ड को सभी राज्य मुख्यालयों, मंडलायुक्त कार्यालयों, जिला मुख्यालयों, तहसीलों, उप-तहसीलों, पटवार खाना और डीओएलआर कार्यालयों में स्कैन किया जाएगा। इस योजना का उद्देश्य पुराने राजस्व रिकॉर्ड का डिजिटलीकरण करना है।

दूसरे चरण में तहसील, उप-तहसीलों के रिकॉर्ड को किया जाएगा डिजिटल

प्रवक्ता ने बताया कि पहले चरण में 22 जिला मुख्यालयों और 2 राज्य मुख्यालयों (हरियाणा सिविल सचिवालय और हरियाणा नया सचिवालय, चंडीगढ़) में आधुनिक राजस्व रिकॉर्ड रूम (एमआरआरआर) स्थापित किए गए हैं। दूसरे चरण में तहसील, उप-तहसील, पटवार खाना के रिकॉर्ड को डिजिटलाइज किया जाएगा। पहले चरण में लगभग 18.50 करोड़ रुपये के राजस्व रिकॉर्ड को डिजिटलाइज किया गया है।

रिकॉर्ड डिजिटलाइज होने से जनता को मिलेगा लाभ

रिकॉर्ड के डिजिटलाइज होने से रिकॉर्ड को आसानी से प्राप्त किया जा सकता है। आम लोगों को आसानी से स्कैन कॉपी उपलब्ध हो सकती है। इसके अलावा एक बार रिकॉर्ड डिजिटलाइज होने पर इसके साथ छेड़छाड़ नहीं की जा सकती। इसे समयबद्ध तरीके से आम लोगों को उपलब्ध करवाया जा सकता है। इससे आरटीआई के लिए दी जाने वाली सूचनाओं को उपलब्ध करवाने में भी आसानी होगी।

तीन स्तरीय होगी सत्यापन प्रक्रिया

प्रवक्ता ने बताया कि रिकॉर्ड को डिजिलाइज करने के लिए तीन स्तरीय सत्यापन प्रक्रिया को फोलो किया गया है। स्कैनिंग और डिजिटलीकरण के बाद सबसे पहले विक्रेता द्वारा पूरी गुणवत्ता जांच की जाएगी और आगे की जांच के लिए रिकॉर्ड की पीडीएफ सर्वर पर अपलोड हो जाएगी। इस रिकॉर्ड की 100 प्रतिशत जांच राजस्व अधिकारियों द्वारा की जाएगी। इसके अलावा हारट्रोन अधिकारियों द्वारा 10% रैंडम जाँच और अंत में संबंधित डीआरओ द्वारा रिकॉर्ड की 20% रैंडम जाँच की जाएगी।

अतः उपर्युक्त तीन स्तरीय जाँच/सत्यापन प्रक्रिया से गुजरने के बाद रिकॉर्ड सर्वर पर संग्रहीत होगा और एक सुरक्षित प्रक्रिया के माध्यम से डाउनलोड किया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि भविष्य में नागरिकों को एक क्वेरी फॉर्म के माध्यम से अपने भूमि रिकॉर्ड को खोजने, डाउनलोड करने और प्रिंट करने की सुविधा दी जाएगी।

Avinash Kumar Singh

Published by
Avinash Kumar Singh

Recent Posts

अब से Haryana रोडवेज़ की बसों पर देखने को मिलेगा यह नया स्लोगन, परिवहन मंत्री अनिल विज ने जारी किए आदेश 

अभी तक प्रदेश की जनता ने हरियाणा रोडवेज की बसों पर सिर्फ़ 'बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ'…

1 month ago

आज जारी हो सकता है Haryana बोर्ड की कक्षा 10वीं का रिजल्ट, ऐसे करें चेक 

प्रदेश के जिन छात्रो ने इस साल हरियाणा बोर्ड की 10वीं कक्षा के एग्जाम दिए…

1 month ago

Haryana के इस जिले की बेटी ने बिना ट्यूशन के ही 12वीं में हासिल किए 95.6%, यहाँ पढ़े पूरी खबर 

अभी हाल ही में हरियाणा शिक्षा बोर्ड ने 12 वी का रिज़ल्ट जारी किया है,…

1 month ago

इस फसल की खेती करने पर Haryana के किसानों को मिलेंगे प्रति एकड़ 1 हजार रूपये, यहाँ पढ़े पूरी ख़बर 

हरियाणा सरकार आए दिन प्रदेश की जनता के हित में कार्य कर रही है, ताकि…

1 month ago

Haryana के इन जिलों में होगा मॉक ड्रिल, यहाँ जाने इससे जुड़ी सभी जानकारी 

पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद से भारत सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा में सतर्कता…

1 month ago

Haryana शिक्षा बोर्ड ने 10वीं के परिणाम घोषित करने से पहले लिया यह बड़ा फैसला, यहाँ पढ़ें पूरी खबर 

प्रदेश के जिन छात्रों ने इस बार दसवीं की परीक्षा दी है यह खबर उनके…

2 months ago