Categories: India

जिन्हें आतंकियों की गोली मार न सकी, उन्हें फटेहाली ने मारा, कुछ ऐसी है हरिश्चंद्र और देविका की कहानी

साल 2008 में मायानगरी पर जो आतंकी हमला हुआ था उसे कोई चाहकर भी नहीं भूल सकता। भारत समेत पूरी दुनिया हैरान हो गई थी। 26 नवंबर को मुंबई बम धमाकों और गोलीबारी से दहल उठी थी। यह इतिहास का वो काला दिन है जिसे कोई भूल नहीं सकता। सैंकड़ों लोगों की जान इस मुंबई हमले में गई थी। 26/11 के मुंबई हमले में घायल हुए हरिश्चंद्र श्रीवर्धनकर अब इस दुनिया में नहीं हैं। वहीं देविका रोतावन का जीवन भी तंगहाली में गुजर रहा है। वैसे तो इन दोनों में दूर-दूर तक कोई नाता नहीं है। लेकिन 26 नवंबर 2008 को मुंबई में हुआ हमला दोनों को जोड़ता है।

दोनों को उस हमले में गोलियां लगी थीं और दोनों ने हमले के दौरान जिंदा पकड़े गए आतंकी आमिर अजमल कसाब की पहचान कर उसे फांसी के फंदे तक पहुंचाया था।

जिन्हें आतंकियों की गोली मार न सकी, उन्हें फटेहाली ने मारा, कुछ ऐसी है हरिश्चंद्र और देविका की कहानीजिन्हें आतंकियों की गोली मार न सकी, उन्हें फटेहाली ने मारा, कुछ ऐसी है हरिश्चंद्र और देविका की कहानी

तंगहाली का जीवन जी रही देविका

अगस्त 2020 में आखिरी बार देविका रोतावन चर्चा में आई थीं। उन्होंने बॉम्बे हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। वजह ईडब्ल्यूएस स्कीम के तहत महाराष्ट्र सरकार की तरफ से मकान देने का वादा किया गया था।

उन्होंने बताया था कि उनका पूरा परिवार भारी वित्तीय संकट से जूझ रहा है। लिहाजा उन्होंने घर के साथ-साथ कुछ ऐसा प्रबंध करने की गुहार लगाई थी, जिससे वह अपनी आगे की पढ़ाई जारी रख सके।

सबसे कम उम्र की थी गवाह

फिलहाल देविका की उम्र 22 साल है। जब 26/11 का हमला हुआ था तब वह 10 साल की थी। पुणे जाने के लिए वह अपने पिता और भाई के साथ छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस (CSMT) पहुँची थी और यहीं उसके पैर में आतंकियों की गोली लगी।

जख्मी हालत में उस सेंट जॉर्ज अस्पताल ले जाया गया। दो महीने के भीतर 6 सर्जिकल ऑपरेशन हुए और 6 महीने बेड पर ही गुजरे। स्वस्थ होने के बाद कोर्ट गईं और आतंकवादी अजमल कसाब के खिलाफ गवाही दी थी। मुंबई आतंकवादी हमले के मामले में वह सबसे कम उम्र की गवाह थी।

कोर्ट में दायर की थी याचिका

उस समय सरकार की ओर से देविका को कई तरह की सुविधाएँ देने का ऐलान भी किया गया था। लेकिन बाद में इन्हें भूला दिया गया। हाई कोर्ट में दायर अपनी याचिका में देविका ने कहा था कि “पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की तरफ से 10 लाख की सहायता राशि मिली थी जो मेरे टीबी के इलाज में खर्च हो गया। मैं इसके लिए शुक्रगुजार हूँ लेकिन जो वादे मुझसे किए गए थे, वे अभी तक पूरे नहीं हो पाए हैं।”

आतंकी को बैग से मारा था श्रीवर्धानकर ने

बता दें कि कोर्ट में 26/11 आतंकी हमले के आतंकी अजमल कसाब को चश्मदीद हरिश्चंद्र श्रीवर्धानकर ने भी पहचाना था। लेकिन कुछ साल बाद वे फुटफाथ पर डेन डिसूजा नाम के एक व्यक्ति को पड़े मिले थे। 26/11 हमले के दौरान श्रीवर्धनकर को कामा अस्पताल के बाहर आतंकियों की दो गोलियाँ पीठ पर लगी थी। उन्होंने कसाब के साथी इस्माइल को अपने ऑफिस बैग से मारा भी था।

मई 2021 में श्रीवर्धानकर की मौत हो गई थी। पश्चिम महाराष्ट्र के कोंकण जिले के रहने वाले हरिश्चंद्र खाद्य और नागरिक आपूर्ति विभाग के सेवानिवृत कर्मचारी थे। जब वे फुटपाथ पर मिले तो पता चला कि उनके परिजनों ने उन्हें घर से निकाल दिया था और वे कई दिनों से सड़क पर ही पड़े थे।

Avinash Kumar Singh

Published by
Avinash Kumar Singh

Recent Posts

Special Child को पढ़ाने के लिए Faridabad में होगा यह काम, यहाँ पढ़े पूरी ख़बर 

शिक्षा पाने और ज्ञान अर्जित करने का अधिकार सभी बच्चो का होता है, अब चाहे…

19 hours ago

Faridabad के इस स्टेडियम में बनेगा बैडमिंटन और वॉलीबॉल कोर्ट, FMDA ने शुरू की तैयारियाँ 

आए दिन खिलाड़ियों का राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय खेलों में अच्छे प्रदर्शन को देखते हुए प्रदेश…

19 hours ago

Haryana के इस नगर के लोगों को मिलेगी उत्तराखंड के लिए सीधी ट्रेन, यहाँ जाने ट्रेन से जुड़ी सभी जानकारी 

प्रदेश के जो लोग ट्रेन से उत्तराखंड आते जाते रहते है, यह खबर उनके लिए…

21 hours ago

Haryana की सोनी ने तोड़ा एशिया का रिकॉर्ड, यहाँ जानें आख़िर कौन है यह सोनी 

इन दिनों प्रदेश की सोनी एशिया का रिकॉर्ड तोड़कर पूरे में चर्चा का विषय बनी…

21 hours ago

Haryana की कुछ ऐसी डरावनी जगह, जहां कर सकतें हैं आप एडवेंचर,जल्दी से यहां देखें लोकेशन 

अगर आप निडर है और कुछ एडवेंचर करना चाहते हैं।लेकिन आपकों कोई जगह नहीं मिल…

21 hours ago

Faridabad वासियों को ज़रूर देखना चाहिए ये संग्रहालय, लोकेशन NCR के है बेहद पास

अगर आप दिल्ली में घूमने फिरने का प्लान बना रहे हैं तो आज हम आपकों…

2 days ago