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अब बच्चे भी अपने हक के लिए लड़ रहे है, पिता ने बनाए शारीरिक संबंध तो बच्ची ने किया चाइल्ड हेल्प लाइन पर कॉल

बच्चों पर लगातार हिंसा की जाती है कई बच्चों से तो देखूंगा ही जाती है तो कई बच्चों पर स्कूल में मारपीट की जाती है। ऐसे में अब बच्चे अपने लिए बच्चे अब अपने लिए निर्णय लेते है। इतना ही नहीं बल्कि अब आसपास के लोग बच्चों पर हिंसा होते देख रहे है तो वे भी चाइल्ड हेल्पलाइन नम्बर 1092 पर तुरंत कॉल कर सकते है

महामारी के चलते खाने किताब से लेकर अन्य चीजों से संबंधित बच्चों को बचाने के लिए लगातार कॉल आ रहे थे लेकिन अब बच्चों के प्रति हिंसा बढ़ती जा रही है। जिसके चलते लगातार कॉल आ रहे हैं।

अब बच्चे भी अपने हक के लिए लड़ रहे है, पिता ने बनाए शारीरिक संबंध तो बच्ची ने किया चाइल्ड हेल्प लाइन पर कॉल

पिछले 6 माह के दौरान जिले से संबंधित 140 शिकायतें पहुंची, जिसमें से सबसे ज्यादा 67 शिकायतें बच्चों के साथ अभद्र व्यवहार और हिंसा की आई है। अधिकतर मामलों में खुद बच्चों ने शिकायत की है।

सिकायत में बच्चो ने बताया की उनके परिवार वाले उनके साथ मार पीट करते है।साथ ही उनके पिता दारू पी कर और जुआ खेल कर उनके साथ मार पीट करते है। शिकायत मिलने पर चाइल्ड हेल्पलाइन टीम द्वारा बच्चो के परिवारों को पहले समझाया जाता है। यदि कोई नहीं मानता है तो मामला सीडब्ल्यूसी, पुलिस के पास भेजा जाता है। इस पर वह आगामी कार्रवाई करती है।

पटियाला चौक की एक कॉलोनी में एक बच्चे की मां का निधन हो चुका था। उसके बाद उसके पिता ने जुआ खेलना शुरू कर दिया था। जिसके बाद वह घर आकर लगातार बच्चे के साथ मारपीट करते थे। इसी के चलते बच्चे ने चाइल्ड हेल्प लाइन नंबर पर कॉल कर बताया कि उसके साथ लगातार मारपीट की जा रही है। जब चाइल्ड हेल्प लाइन ने पड़ताल की तो पता चला कि बच्चा मामा के घर था। इसके बाद बच्चे के पिता वह बच्चे से संपर्क करके इस बात का समाधान किया गया।

ना केवल लड़का बल्कि एक लड़की का भी मामला सामने आया। जिसमें लड़की का नाम किशोरी था। लड़की ने शिकायत की कि उसका पिता शराब पीकर घर आता है। फिर उसके साथ मारपीट करता है। ऐसे में उसने उसके साथ शारीरिक संबंध भी बनाए उसके बाद उसे घर से बाहर निकाल दिया गया। इस मामले की जांच के बाद इन एक्टिव हुई और पुलिस की सहायता से किशोरी की काउंसलिंग कराई गई साथ ही मामला भी दर्ज कराया गया।

हेल्प लाइन पर एक बच्चे ने फोन कर बताया कि उसके माता-पिता की मौत हो चुकी है।उसकी पेंशन बननी है, लेकिन बैंक में कागजों की वजह से खाता नहीं खुल रहा। टीम ने बच्चों को सहायता का आश्वासन दिया और टीम ने मौके पर जाकर उसका बैंक में खाता खुलवाया। उसके बाद उसका फार्म सीएससी से ऑनलाइन कराया तथा कागजात समाज कल्याण विभाग में जमा कराएं।

Avinash Kumar Singh

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