Categories: Uncategorized

किसान आंदोलन का दूसरा पहलू: 5 पेट्रोल पंप मालिकों को 7.5 करोड़ रुपए का हुआ नुकसान

जैसा कि आप सभी को पिछले करीब 1 साल किसान आंदोलन चला था। जिस वजह से बहुत सारे दिल्ली के बॉर्डर बंद हो गए थे। वहां के आसपास की जगह, दुकाने व पेट्रोल पंप भी बंद हो गए थे। अब जब किसान आंदोलन खत्म हो गया है तो उनकी मरम्मत का कार्य शुरू हुआ है। ऐसे में मालिकों को बहुत नुकसान पहुंचा है इस लेख के माध्यम से हम आपको बताने वाले हैं।

किसान आंदोलन शुरू होने के बाद उसके आसपास के पेट्रोल पंप पूरी तरीके से बंद हो चुके थे। अब किसान आंदोलन खत्म हुआ है। तो इन सभी पेट्रोल पंपों की खुलने की तैयारी चल रही है। इनकी मरम्मत शुरू हो चुकी है और कहा जा रहा हैआभी इसमें एक हफ्ते तक का समय लग जायेगा।

किसान आंदोलन का दूसरा पहलू: 5 पेट्रोल पंप मालिकों को 7.5 करोड़ रुपए का हुआ नुकसानकिसान आंदोलन का दूसरा पहलू: 5 पेट्रोल पंप मालिकों को 7.5 करोड़ रुपए का हुआ नुकसान

इनके मैनेजर के अनुसार पेट्रोल पंप मालिकों को एक साल में करीब 1.5 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। ऐसे में देखा जाए तो 5 पेट्रोल पंप के मालिकों को 7.5 करोड़ रुपए का भारी नुकसान हुआ है।

टिकरी बॉर्डर पर एक पेट्रोल पंप के मैनेजर दर्शन सिंह ने बताया कि इस समय का बहुत समय से इंतजार था। आज किसानों के बाद पेट्रोल पंप के मेंटेनेंस का काम शुरू हो चुका है। लगातार 1 साल तक मशीनें बंद रहने की वजह से इन पर बहुत खर्चा आएगा।

इसके साथ ही वाईफाई सिस्टम, साफ-सफाई के अलावा बिजली कनेक्शन के भी कई काम करवाने हैं। 1 साल में सभी पेट्रोल पंपों का हुलिया बदल चुका है। देखने में ऐसा  लगता है नहीं कि यहां कभी 24 घंटे पंप चालू हुआ करता था।

इन सभी पेट्रोल पंप के बंद होते ही स्टाफ भी यहां से चला गया। सभी कहीं ना कहीं नौकरी कर रहे थे। कुछ स्टाफ है जो फिलहाल आ पाएगा। अब स्टाफ को ढूंढने में भी मेहनत करनी पड़ेगी।

एक दूसरे पेट्रोल पंप के मालिक ने यह भी बताया कि उन्होंने कभी सोचा भी नहीं था 1 साल तक उन्हें इतना भारी नुकसान उठाना पड़ेगा। वह इस समय का इंतजार कर रहे थे कि शायद जल्द ही आंदोलन खत्म हो और वह पेट्रोल पंप खोल सके।

इसी इंतजार में बस पूरे स्टाफ को बिना काम के सैलरी भी देते रहे। लेकिन जब उन्हें लगा कि यह आंदोलन लंबा चलेगा तो मजबूरी में उन्हें स्टाफ को छुट्टी देनी पड़ी। उन्होंने बताया कि अभी काम शुरू होने में 1 से 2 हफ्ते का समय और लग  है।

टिकरी बॉर्डर के दोनों तरफ दिल्ली और हरियाणा की काफी दुकानें हैं। इनमें से कई दुकान है जो आंदोलन के दौरान भी खूब चली थी। लेकिन कई ऐसे दुकानदार है जिन को मजबूरन दुकान बंद करनी पड़ी।किसान आंदोलन खत्म होने के बाद सभी दुकानदार साफ सफाई में जुटे  है।

दुकानदारों का कहना है कि 1 साल बाद,  ऐसा मौका है जब हमें लग रहा है कि हम कुछ ही दिनों पहले जैसा ही कारोबार हो जाएगा। इस दौरान काफी नुकसान हुआ है  बॉर्डर पर असलम चाय वाले ने बताया कि उसकी दुकान दिल्ली की सीमा पर है।

ऐसे में बॉर्डर बंद होने से गाड़ियों की आवाजाही पूरी तरह ठप हो गई। लेकिन फिर भी बॉर्डर पर तैनात फोर्स और मीडिया कर्मियों के सहारे उसकी दुकान चली थी। अब उम्मीद है कि जल्द ही कारोबार पटरी पर लौटेगा।

Avinash Kumar Singh

Published by
Avinash Kumar Singh

Recent Posts

अब से Haryana रोडवेज़ की बसों पर देखने को मिलेगा यह नया स्लोगन, परिवहन मंत्री अनिल विज ने जारी किए आदेश 

अभी तक प्रदेश की जनता ने हरियाणा रोडवेज की बसों पर सिर्फ़ 'बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ'…

1 month ago

आज जारी हो सकता है Haryana बोर्ड की कक्षा 10वीं का रिजल्ट, ऐसे करें चेक 

प्रदेश के जिन छात्रो ने इस साल हरियाणा बोर्ड की 10वीं कक्षा के एग्जाम दिए…

1 month ago

Haryana के इस जिले की बेटी ने बिना ट्यूशन के ही 12वीं में हासिल किए 95.6%, यहाँ पढ़े पूरी खबर 

अभी हाल ही में हरियाणा शिक्षा बोर्ड ने 12 वी का रिज़ल्ट जारी किया है,…

2 months ago

इस फसल की खेती करने पर Haryana के किसानों को मिलेंगे प्रति एकड़ 1 हजार रूपये, यहाँ पढ़े पूरी ख़बर 

हरियाणा सरकार आए दिन प्रदेश की जनता के हित में कार्य कर रही है, ताकि…

2 months ago

Haryana के इन जिलों में होगा मॉक ड्रिल, यहाँ जाने इससे जुड़ी सभी जानकारी 

पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद से भारत सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा में सतर्कता…

2 months ago

Haryana शिक्षा बोर्ड ने 10वीं के परिणाम घोषित करने से पहले लिया यह बड़ा फैसला, यहाँ पढ़ें पूरी खबर 

प्रदेश के जिन छात्रों ने इस बार दसवीं की परीक्षा दी है यह खबर उनके…

2 months ago