जैसा की आप सभी को पता ही है कि महामारी एक बार फिर से अपना कहर बरपा रही है। इसका नया वेरिएंट ओमिक्रॉम तेजी से फैलता जा रहा है यह दिन-ब-दिन कई लोगों को अपनी चपेट में ले रहा है। इस लेख में हम आपको इसके लक्षण के बारे में बताने वाले हैं। अगर आपको हमें अपने अंदर देते हैं तो कतई भी नजरअंदाज ना करें, तुरंत जाकर डॉक्टर को दिखाएं।
आपको बता दें देश में महामारी के नए वेरिएंट के अब तक 87 मामले सामने आ चुके हैं। गुरुवार को 14 नए केस मिले हैं। दक्षिण अफ्रीका में पहचाने जाने के बाद 1 महीने से भी कम समय में यह वेरिएंट 80 देशों में फैल चुका है। यह वेरिएंट बहुत ही खतरनाक बताया जा रहा है।
देश में गुरुवार को 14 नए संक्रमित मामले सामने आए। इनमें 5 कर्नाटक में , 4-4 दिल्ली और तेलंगाना में और 1 गुजरात में एक नया केस शामिल है। इस तरह देश में ओमीक्रोन संक्रमण के कुल मामले बढ़कर 87 हो चुके हैं। किस राज्य में ओमीक्रोन संक्रमण के कितने मामले हैं, इसके लिए टेबल देखें।
आपको बता दे इस वेरिएंट के लक्षण पुराने महामारी के लक्षण से थोड़े अलग है। इसमें गले में हल्की खराश और चुभन, थकान, बदन दर्द और हल्का बुखार ओमीक्रोन संक्रमण के मुख्य लक्षण दिख रहे हैं।
देश में अबतक ओमीक्रोन के किसी भी मामले में लॉस ऑफ स्मेल यानी गंध को महसूस न कर पाने का लक्षण नहीं मिला है। ज्यादातर मरीजों में गले में खराश, थकान और बदन दर्द के लक्षण दिख रहे हैं। ऐसे मामले भी कम नहीं हैं जिनमें किसी तरह का कोई लक्षण नहीं दिख रहा।
आपको बता दे वैज्ञानिकों ने ओमीक्रोन (B.1.1.529) की पहचान सबसे पहले 25 नवंबर को दक्षिण अफ्रीका और बोत्सवाना में की थी। उसके अगले ही दिन यानी 26 नवंबर को विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इसे वेरिएंट ऑफ कंसर्न यानी चिंता बढ़ाने वाला वेरिएंट करार दिया था।
पहचान के बाद एक महीने से भी कम वक्त में ये वेरिएंट भारत समेत 80 देशों में फैल चुका है। वो भी तब जब तमाम देशों ने यात्रा प्रतिबंध लागू किए हैं। एक्सपर्ट्स को अब चिंता सता रही है कि ओमीक्रोन तमाम देशों में कोरोना महामारी की नई लहर ला सकता है।
ओमीक्रोन बहुत ही तेजी से फैल रहा है। यूनिवर्सिटी ऑफ हॉन्ग कॉन्ग की तरफ से हुई नई स्टडी के नतीजे तो बहुत ही चौंकाने और डराने वाले हैं। स्टडी के मुताबिक ओमीक्रोन वेरिएंट कोरोना के डेल्टा वेरिएंट से 70 गुना तेजी से फैल रहा है। भारत में दूसरी लहर के लिए डेल्टा वेरिएंट ही जिम्मेदार था।
महामारी से उबर चुके लोग भी ओमीक्रोन संक्रमण की चपेट में आ रहे हैं। इसके अलावा शुरुआती एक्सपेरिमेंट बता रहे हैं कि मौजूदा टी के इसे रोकने में कम कारगर साबित हो रहे हैं। ब्रिटेन में तो रिसर्च से पता चला है कि एस्ट्राजेनेका वैक्सीन (भारत में कोविशील्ड) के दूसरे डोज के 6 महीने बाद ओमीक्रोन संक्रमण से किसी भी तरह की सुरक्षा नहीं मिल रही।
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