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बड़ा फैसला : निजी कंपनियों के लिए खुला अंतरिक्ष क्षेत्र, बना सकेंगे रॉकेट और सैटेलाइट

भारत ने पूर्व में बहुत से घाव सहे हैं | लेकिन भारत कभी रुका नहीं, हर दिन दुनिया के आगे अपना रोशन करता आया है भारत | भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने निजी कंपनियों के लिए स्पेस सेक्टर खोल दिया है। निजी कंपनियों के साथ – साथ देश के हर नागरिक के लिए यह गर्व का पल है | इसरो अध्यक्ष के सिवन ने कहा, ‘अंतरिक्ष क्षेत्र जहां भारत उन्नत अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी वाले देशों में से एक है। यह भारत के औद्योगिक आधार को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। सरकार ने निजी उद्यमों के लिए अंतरिक्ष क्षेत्र खोलकर इसरो के लिए सुधार उपायों को लागू करने का निर्णय लिया है।

बड़ा फैसला : निजी कंपनियों के लिए खुला अंतरिक्ष क्षेत्र, बना सकेंगे रॉकेट और सैटेलाइट

इस से निजी भारतीय कंपनियों को लाभ तो होगा ही साथ ही यह भारत की अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने में भी काम आएगा | सिवन ने कहा कि ‘लंबे समय तक सामाजिक-आर्थिक सुधार के हिस्से के रूप में, अंतरिक्ष सुधार भारत के विकास के लिए अंतरिक्ष-आधारित सेवाओं तक पहुंच में सुधार करेंगे। दूरगामी सुधार भारत को कुछ देशों की अंतरिक्ष गतिविधियों के लिए कुशल प्रचार और प्राधिकरण तंत्र में शामिल कर देंगे।

भारत अंतरिक्ष के क्षेत्र में दिन-प्रतिदिन नए-नए शोध कर ही रहा है | यह भारत 1962 वाला नहीं है, चीन को भी कुछ सीख इस कदम से मिलेगी | भारत सरकार ने अंतरिक्ष क्षेत्र में निजी कंपनियों की गतिविधियों को अनुमति देने और विनियमित करने के संबंध में स्वतंत्र निर्णय लेने के लिए एक स्वायत्त नोडल एजेंसी की स्थापना को मंजूरी दी है। जिसका नाम है भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष, संवर्धन और प्राधिकरण केंद्र। यह अंतरिक्ष प्रयासों में निजी क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए एक राष्ट्रीय नोडल एजेंसी के रूप में कार्य करेगा और इसके लिए इसरो अपनी तकनीकी विशेषज्ञता के साथ-साथ सुविधाओं को भी साझा करेगा।

भारत थल,जल, वायु हर जगह दुनिया के आगे अपना परचम लहरा रहा है | इसरो ने भी गत वर्षों में बहुत नाम कमाया है | सिवन ने कहा, ‘अंतरिक्ष विभाग, रॉकेट और उपग्रहों के निर्माण और प्रक्षेपण के साथ-साथ वाणिज्यिक आधार पर अंतरिक्ष-आधारित सेवाएं प्रदान करने सहित अंतरिक्ष सेवाओं को प्रदान करने में सक्षम करने के लिए क्षेत्र की अंतरिक्ष गतिविधियों को बढ़ावा देगा। उन्होंने आगे कहा कि यदि अंतरिक्ष क्षेत्र निजी उद्यमों के लिए खोला जाता है, तो पूरे भारत की क्षमता का उपयोग अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी से लाभ प्राप्त करने के लिए किया जा सकता है। ये न मात्र क्षेत्र के त्वरित विकास में परिणाम देगा बल्कि भारतीय उद्योग को वैश्विक अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण खिलाड़ी बनाने में सक्षम करेगा। इसके साथ प्रौद्योगिकी क्षेत्र में बड़े पैमाने पर रोजगार और भारत के एक वैश्विक तकनीकी पावरहाउस बनने का अवसर है।

Written By – Om Sethi

Avinash Kumar Singh

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