इस पृथ्वी पर ऐसे कई अनमोल पत्थरों की खोज हुई है जिन्हें हम लोग रत्न कहते हैं। गहनों में भी इन रत्नों का प्रयोग होता है। ये रत्न प्रकृति की अनमोल देन है। नीलम, पन्ना, हीरा, माणिक आदि सभी कीमती रत्न हैं। लेकिन आज हम सिर्फ नीलम की बात करेंगे। यह नीले रंग का पारदर्शक, मुलायम और चमकने वाला रत्न होता है। असली नीलम की पहचान करने के लिए उसे ध्यान से देखें, आपको दिखाई देगा कि उसके अंदर से किरणें निकल रही है। नीलम को अगर दूध में डाला जाए तो दूध का रंग नीला हो जाता है। शनिदेव का मुख्य रत्न नीलम ही होता है। आपने बहुत से लोगों को नीलम पहने देखा होगा, लेकिन हर कोई इस रत्न को धारण नहीं कर सकता। कुछ विशेष राशियों के जातक ही इसे धारण कर सकते हैं। कहते हैं कि नीलम रंक को राजा और राजा को रंक बना सकता है। जिंदगी की तमाम परेशानियां सुख में बदल सकती है।
यदि नीलम किसी को सूट नही करता तो बहुत नुक्सान झेलना पड सकता है। हाल ही में नीलम को लेकर एक खबर आई है खुदाई के दौरान बहुत नीलम पाया गया है जिसे दुनिया का सबसे बड़ा नीलम माना जा रहा है।
इन दिनों श्रीलंका में मिला 300 किलो से भी ज्यादा वजन वाला नीलम सुर्खियों में है। दावा किया जा रहा है कि यह दुनिया का सबसे बड़ा नीलम है। जिसका वजन करीब 310 किलोग्राम से भी ज्यादा है। ‘क्वीन ऑफ एशिया’ कहे जाने वाले इस नीलम को श्रीलंका में प्रदर्शनी में रखा गया है, जिसको देखने के बाद हर कोई हैरान है।
दुनिया के सबसे बड़े प्राकृतिक कोरन्डम ब्लू नीलम को 3 महीने पहले श्रीलंका की राजधानी कोलंबो से 45 किलोमीटर दूर स्थित रत्नापुरा में खुदाई के दौरान खोजा गया था। आपको बता दें कि दुनिया में पाए जाने वाले सभी कोरन्डम पत्थरों में से लगभग 90 प्रतिशत श्रीलंका से हैं, जो सदियों से अपने अनोखे रत्नों के लिए प्रसिद्ध हैं।
नीलम की कीमत 100 करोड़ से भी ज्यादा इस 310 किलो से ज्यादा वजनी नीलम के मालिक चमिला सुरंगा ने बताया कि जो व्यक्ति कुआं खोद रहा था, उसने हमें कुछ दुर्लभ पत्थरों के बारे में सचेत किया था। बाद में हमें इस विशाल नीलम की ठोकर लगी। रत्नपुर में मिले इस नीलम की कीमत 100 करोड़ से भी ज्यादा बताई जा रही है। दुनिया के सबसे बड़े नीलम के मिलने की कहानी भी काफी रोचक है, क्योंकि यह बहुत ही सामान्य खुदाई के दौरान मिला था।
मिल गया कीमती रत्न का सर्टिफिकेट
कीमती रत्न को किया गया सर्टिफाइड जानकारी के मुताबिक इसका मालिक अपने घर और उसके पीछे के कुएं में खुदाई करवा रहा था, जिसके चलते कुएं की खुदाई करते हुए उसके हाथ यह बड़ा खजाना हाथ लगा। इधर, श्रीलंका की नेशनल जेम्स एंड ज्वेलरी अथॉरिटी ने इस कीमती रत्न को सर्टिफाइड भी कर दिया है। अब इसे इंटरनेशनल मार्केट में बेचने की प्लानिंग की जा रही है।
400 मिलियन साल पुराना
लगभग 400 मिलियन साल पहले बना प्रदर्शनी से पहले बौद्ध भिक्षुओं के एक समूह ने इस रत्न के लिए आशीर्वाद भी दिया। वहीं प्रसिद्ध जेमोलॉजिस्ट गामिनी जोयसा ने कहा कि मैंने पहले कभी इतना बड़ा रत्न नहीं देखा है। यह शायद लगभग 400 मिलियन साल पहले बना था।
इस बीच श्रीलंका के राष्ट्रीय रत्न और आभूषण प्राधिकरण के अध्यक्ष तिलक वीरसिंघे ने कहा कि यह एक विशेष नीलम अजूबा है। शायद दुनिया में सबसे बड़े आकार और इसके मूल्य को देखते हुए हमें लगता है कि यह निजी संग्राहकों या संग्रहालयों को दिलचस्पी देगा।
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