सरकारी स्कूलों में आधार कार्ड नहीं होने से छात्रवृत्ति वह प्रोत्साहन राशि से वंचित पहली से आठवीं कक्षा के बच्चों को सरकार ने बड़ी राहत दे दी है ।आपको बता दें कि, अब आधार कार्ड के बगैर ही उनके खातों में छात्रवृत्ति व प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। इसके लिए वित्त विभाग ने हरी झंडी भी दे दी है।
आपको बता दें कि मौलिक शिक्षा निदेशक ने सभी जिला मौलिक शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दे दिए हैं। और आधार कार्ड आधारित भुगतान को खाते आधारित कर दिया जाए। साथ ही यानी कि छात्रवृत्ति व प्रोत्साहन राशि उनके बैंक खातों में डाल दी जाए। चाहे आधार से जुड़े हो या नहीं साथ ही शिक्षक नेता व प्राथमिक शिक्षक संघ के पूर्व महासचिव दीपक गोस्वामी ने भी इसे सराहनीय कदम बताया।
साथ ही आपको बता दें इस आदेश से करीब डेढ़ लाख बच्चों को फायदा दिया गया है। साथ ही करीब 14000 सरकारी स्कूलों ने पहली से आठवीं तक करीब 15 लाख बच्चे हैं। जिसमें से डेढ़ लाख विद्यार्थी ऐसे हैं जो विभिन्न कारणों की वजह से आधार कार्ड नहीं बनवा सकते। और सभी स्कूलों मुखिया लो को खाता सत्यापित करने के निर्देश दिए गए हैं। और अभी तक 85 बच्चों के खाते सत्यापित हो चुके हैं।
आपको बता दें कि नियम 134 ए के तहत गरीब बच्चों को दाखिला देने के लिए कई निजी स्कूलों तैयार नहीं है। साथ ही हरियाणा प्रोग्रेस है स्कूल कांफ्रेंस ने दावा किया है, कि हाईकोर्ट के इस फैसले के अनुसार प्रदेश सरकार निजी स्कूलों पर बच्चों को मुफ्त दाखिला देने के लिए दबाव नहीं बना सकते। और संगठन के उप प्रधान सुरेश चंद्र ने बृहस्पतिवार को कहा था कि उनकी ओर से हाईकोर्ट में केस दाखिल कर बताया है, कि सरकार नियम 134 ए के तहत हर साल 10% बच्चों को मुफ्त एडमिशन देने के लिए दबाव बनाती है। लेकिन प्रतिपूर्ति नहीं दी हुई है। साथ ही हाईकोर्ट ने आदेश में लिखा है, कि यदि स्कूल संचालकों द्वारा नियम 134 ए के तहत किसी बच्चे को दाखिला नहीं दिया जाता तो, उसके खिलाफ कार्रवाई नहीं की जा सकती।
साथ ही संगठन के उपाध्यक्ष प्रशांत का कहना है, कि हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड भिवानी ने आदेश जारी किए हैं, कि मौजूदा स्तर में भी आठवीं कक्षा में पढ़ने वाले बच्चों की बोर्ड परीक्षा ली ले ली जाए और सीबीएसई सहित अन्य बोर्ड से मान्यता प्राप्त स्कूलों के बच्चे को भी बोर्ड परीक्षा देनी होगी। साथ ही उनका कहना है, कि सीबीएसई या फिर अन्य बोर्ड में शिक्षा हासिल करने वाला बच्चा हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड द्वारा दिए जाने वाले एग्जाम को कैसे दे सकता है। तो स्कूलों पर यह फैसला थोपने का प्रयास किया तो कोर्ट का सहारा ले लिया जाएगा।