जैसे-जैसे दिसंबर का महीना खत्म हो रहा है, तापमान में कुछ दिनों पहले हुई अचानक बढ़ोतरी होने के बाद मौसम एक बार फिर से करवट लेने वाला है। वेस्टर्न डिस्टर्बेंस के कारण उत्तर पश्चिमी इलाकों में चक्रवाती सर्कुलेशन बन गया है। राजकीय महाविद्यालय नारनौल के पर्यावरण क्लब की तरफ से जानकारी दी गई है कि आने वाले चार दिन लोगों के लिए मुसीबत बन सकते हैं। 26 से 29 दिसंबर तक बारिश और पर्वतीय इलाकों में भारी हिमपात होने की संभावना जताई जा रही है।
राजकीय महाविद्यालय नारनौल के पर्यावरण क्लब के नोडल अधिकारी डॉ. चंद्रमोहन ने बताया कि उत्तरी पर्वतीय इलाकों में वेस्टर्न डिस्टरबेंस प्रवेश कर रहा है, जिसकी वजह से पंजाब और राजस्थान व उत्तर पश्चिमी हरियाणा पर चक्रवातीय सर्कुलेशन बन गया है।
पवनों की दिशा में बदलाव हो गया है। पवनें दक्षिणी पूर्वी हो गई हैं। उनकी गति 10 से 15 किलोमीटर प्रति घंटा हो गई है। दक्षिणी पूर्वी नमी वाली और पछुआ पवनों के मिलन से 26 से 29 दिसंबर तक हरियाणा, एनसीआर दिल्ली, राजस्थान, पंजाब में हल्की से सामान्य बारिश होने की संभावना बनी हुई है।
26 दिसंबर से सिरसा, हिसार, फतेहाबाद, भिवानी, कैथल, करनाल, पानीपत, सोनीपत और दोपहर तक महेंद्रगढ़, नारनौल, रेवाड़ी, पलवल, फरीदाबाद जिलों और एनसीआर दिल्ली आदि पर हल्की से मध्यम बारिश की संभावना बन रही है। यह हल्की बारिश फसलों के लिए सोना साबित होगी।
30 दिसंबर से आसमान साफ हो जाएगा और पवनों की दिशा उत्तरी हो जाएगी। जिसकी वजह से मैदानी राज्यों में न्यूनतम और अधिकतम तापमान में गिरावट दर्ज होगी और नमी बढ़ने की वजह से कोहरा की मात्रा में बढ़ोतरी होगी। नया वर्ष का आगाज कड़ाके की ठंड से होग।