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अब जाकर मिली दुष्यंत चौटाला को अपने ही हलके में एंट्री, कहां परिस्थितियां ऐसी थी की आ ही नहीं पाया

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हरियाणा के उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला को 13 महीने बाद खुद के हल्के में एंट्री मिली है। आपको बता दें कि दुष्यंत चौटाला का कहना है कि परिस्थितियां ऐसी थी कि वह यहां नहीं आ पाए और वह पिछले 20 नवंबर को उचाना कलां आए थे। और उसके बाद किसान आंदोलन के चलते वह बीच में यह नहीं आ सक।

वहीं पिछले साल जब 24 सितंबर को दुष्यंत चौटाला ने उचाना आने की कोशिश की थी। तो सिंधु गांव में बना उनका हेलीपैड किसानों ने उखाड़ दिया था और उनको विजिट कैंसिल करनी पड़ी थी।

अब जाकर मिली दुष्यंत चौटाला को अपने ही हलके में एंट्री, कहां परिस्थितियां ऐसी थी की आ ही नहीं पाया

आपको बता दें कि उसके बाद 8 महीने महामारी को लेकर लिए अधिकारियों की मीटिंग लेने आए तो किसानों ने जींद में एक बड़ी संख्या में डेरा डाल लिया था। जिसके चलते दौरा स्थगित करना पड़ा और इसी महीने दिसंबर को उचाना के दरौली खेड़ा में दुष्यंत चौटाला ने एक विवाह समारोह में आने की कोशिश की तो किसानों ने गांव के चारों तरफ से घेर लगा लिया जिसके चलते वहां भी उनका आना मुश्किल हो गया।

वही अब दुष्यंत चौटाला को 13 महीने बाद उनके हल्के में प्रोग्राम करने का मौका मिला है। वहीं रविवार को उन्होंने हलक में कई कार्यक्रम के और मीडिया से बात करते हुए दुष्यंत चौटाला ने कहा कि परिस्थितियां ऐसी बनी कि लोगों के बीच नहीं आ सका और उनका कहना था कि, आंदोलन के चलते मैं माहौल नहीं खराब करना चाहता था। इसलिए ना तो मैं आया और ना लोगों के बीच आया।

अब जाकर मिली दुष्यंत चौटाला को अपने ही हलके में एंट्री, कहां परिस्थितियां ऐसी थी की आ ही नहीं पाया

वहीं दक्षिण चौटाला का कहना है कि किसान आंदोलन में शामिल किसान नेताओं का पहले से ही माइंड सेट था कि उन्होंने चुनाव लड़ना है इसलिए अधिकतर किसान नेताओं ने चुनाव लड़ने का फैसला लिया और बता दें कि दुष्यंत चौटाला 2019 में उचाना सीट से बीजेपी से सिटिंग विधायक और पूर्व केंद्रीय मंत्री बिरेन्द्र सिंह की पत्नी प्रेम लता को 47402 वोट से हराकर जीते थे।

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